कुंडली में धनवान-योग

Webdunia
- सुशील शर्मा

ND
आज कौन धनवान होना नहीं चाहता। प्रत्येक व्यक्ति के मन में एक ही तमन्ना है कि कैसे दुनिया की सारी भौतिक सुख-सुविधाएँ प्राप्त की जाएँ। निर्विवादित रूप से 'धन-दौलत' ही वह वस्तु है जिसके बिना खुशहाल जिंदगी की कल्पना तक नहीं की जा सकती है।

हमारे जीवन में अर्थ के अभाव में अनर्थ हो जाता है, क्योंकि संपूर्ण सांसारिक कार्य यथा- दान-पुण्य, धर्म, पूजा, अतिथि सत्कार, परोपकार, यज्ञ, हवन, तीर्थाटन, दिव्य-भवन, उच्चवाहन तथा अन्य सभी प्रकार के लोकोपयोगी कार्यों में अर्थ (धन) की महत्ता सर्वोपरि है। धन के महत्व को प्रतिपादित करते हुए भर्तृहरि ने 'नीतिशतक' में लिखा है-

यस्याति वित्तम्‌ स नरः कुलीनः
स पंडितः स श्रुद्वान गुणज्ञः।
स एव वक्ता स च दर्शनीयः
सर्वे गुणाः काञ्चनम्‌ आश्रयंते॥
अर्थात जिस व्यक्ति के पास धन होता है वही 'कुलीन' होता है। सब उसकी बात सुनते हैं, वही विद्वान माना जाता है और वही दर्शनीय है तथा धनवान को ही सर्वगुण संपन्न माना जाता है। आप भी अपनी कुंडली देखकर जान सकते हैं कि आपके धनवान बनने के कितने चांस हैं।

जन्मकुंडली में 12 (बारह) खाने होते हैं, जिन्हें 'घर', 'स्थान' अथवा 'भाव' कहा जाता है। इसमें पाँचवें घर को फणकर, त्रिकोण तथा पंचम भाव कहा जाता है। कुंडली में इसी पंचम भाव में स्थित राशि, ग्रह एवं उस पर लाभ स्थान में स्थित ग्रहों की पड़ने वाली दृष्टि से अनायास धन प्राप्ति तथा धनवान योग का पता चलता है। यदि आपकी कुंडली में-
  जिस व्यक्ति के पास धन होता है वही 'कुलीन' होता है। सब उसकी बात सुनते हैं, वही विद्वान माना जाता है और वही दर्शनीय है तथा धनवान को ही सर्वगुण संपन्न माना जाता है। आप भी अपनी कुंडली देखकर जान सकते हैं कि आपके धनवान बनने के कितने चांस हैं।      


(1) पंचम भाव शुक्र क्षेत्र (वृषभ-तुला) हो और उसमें 'शुक्र' स्थित हो तथा लग्न में मंगल विराजमान हो तो व्यक्ति धनवान होता है।
(2) कर्क लग्न में चंद्रमा हो और बुध, गुरु का योग या दृष्टि पंचम स्थान पर हो।
(3) चंद्र-क्षेत्रीय पंचम में चंद्रमा हो और उत्तम भाव में शनि हो तो जातक धनवान होता है।
(4) पंचम भाव में मेष या वृश्चिक का मंगल हो और लाभ स्थान में शुक्र स्थित हो तो व्यक्ति निश्चित धनी होता है।
(5) पंचम भाव में धन या मीन का गुरु स्थित हो और लाभ स्थान बुध-युक्त हो तो जातक महाधनी होता है।
(6) पंचम में शनि बैठे हो (स्वक्षैत्री) और लाभ भवन में सूर्य-चंद्र एक साथ हो तो भी जातक निश्चित धनवान होता है।
(7) पाँचवें घर में सिंह के सूर्य हो और लाभ स्थान में शनि, चंद्र-शुक्र से युक्त हो तो इस योग का जातक धनी होता है।

Show comments

शुक्र का कुंभ राशि में गोचर, इन 2 राशियों के लोगों को होगा नुकसान

क्या होता है मलमास, जानें कब तक रहेगा खरमास

kumbh mela 2025: कब से शुरू होगा प्रयागराज महाकुंभ मेला, पढ़ें ऐतिहासिक जानकारी

Mahakumbh 2025: क्या होता है कुम्भ में शाही स्नान का महत्व, जानिए 12 साल बाद होने वाले स्नान पर्व आयोजन से जुड़ी सभी जानकारी

Lal Kitab Rashifal 2025: मेष राशि 2025 का लाल किताब के अनुसार राशिफल और साढ़ेसाती के अचूक उपाय

Weekly Horoscope 2024: कैसा होगा नया सप्ताह, जानें प्यार, व्यापार, करियर, नौकरी, सेहत के बारे में (23 से 29 दिसंबर)

Aaj Ka Rashifal: क्या लाया है आज का दिन आपके लिए, पढ़ें 22 दिसंबर का दैनिक राशिफल

22 दिसंबर 2024 : आपका जन्मदिन

22 दिसंबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Lal Kitab Rashifal 2025: कन्या राशि 2025 का लाल किताब के अनुसार राशिफल और उपाय