rashifal-2026

कुंडली में प्रेम विवाह का पंचम स्थान

पं. सुरेन्द्र बिल्लौरे
ND
समाज के सुचारु संचालन में विवाह भी प्रमुख भूमिका निभाता है। विवाह मर्यादा, कर्तव्य, प्रेम और विश्वास का संयुक्त रूप है। विवाह को किसी बंधन का नाम न देते हुए सामाजिक व्यवस्था का मूल माना जाना चाहिए। इसमें समाज व्यवस्थित रहता है।

हिन्दू धर्म के अनुसार, प्राचीन धर्मग्रंथों, शास्त्रों में मनुष्य जीवन में सोलह संस्कार बताए गए हैं। इनमें से विवाह संस्कार उल्लेखनीय भूमिका निभाता है। विवाह संस्कार जीवन का सबसे महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है।

जीवन जीने के लिए गृहस्थाश्रम में प्रवेश कैसे और किस योग से होता है, यह जानकारी होना बहुत महत्वपूर्ण है। मनुष्य की कुंडली में इसका उल्लेख अवश्य मिलता है। कुछ कुंडलियों में जातक के सामान्य विवाह का योग होता है तो कुछ कुं‍डलियों में प्रेम विवाह का योग भी बनता है।
  हिन्दू धर्म के अनुसार, प्राचीन धर्मग्रंथों, शास्त्रों में मनुष्य जीवन में सोलह संस्कार बताए गए हैं। इनमें से विवाह संस्कार उल्लेखनीय भूमिका निभाता है। विवाह संस्कार जीवन का सबसे महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है।      


कैसे होता है प्रेम विवाह? आइए विभिन्न अध्ययनों और जीवन-संसार में देखे गए अनेक अनुभवों के आधार पर बताते हैं कि यह किन ग्रहों के प्रभाव से गृहत्याग करने पर मजबूर करता है और अपना नाम प्रेम विवाह बताता है।

अधिकांश यह देखने में आता है कि वृषभ लग्न, कर्क लग्न, तुला लग्न, मेष लग्न, वृश्चिक लग्न तथा कुंभ लग्न की पत्रिका में प्रेम विवाह का ‍योग बनता है। यहाँ दी गई कुंडली में वृश्चिक लग्न की कुंडली दर्शाई है। विवाह और दाम्पत्य का संबंध सीधा सप्तम भाव से होता है परंतु इन लग्नों में प्रेम विवाह के लिए पंचम भाव और सप्तम भाव का संबंध होता है।

अर्थात पंचम भाव का स्वामी और सप्तम भाव का स्वामी एक साथ बैठा हो या दृष्टि संबंध हो रहा हो तो प्रेम विवाह निश्चित होता है। पंचम भाव प्रेम भावना का स्थान है तथा सप्तम भाव विवाह का स्थान होता है। प्रेम विवाह के लिए मंगल-शनि, मंगल-शुक्र, चंद्र-शुक्र की युक्ति भी इस योग को बढ़ावा देती है और योग बनाती है।

यदि प्रेम विवाह हो जाता है तो उसकी सफलता पंचमेश, सप्तमेश और लग्नेश, द्वादेश गृह के संबंधों पर निर्भर करती है। प्रेम विवाह के लिए तीसरे भाव का स्वामी का उच्च या बलवान होना बहुत ही आवश्यक है। यही जातक को हिम्मत प्रदान करता है।

Show comments

ज़रूर पढ़ें

'आकाशीय रिकॉर्ड' विद्या क्या है, जानिए कैसे करती है ये आपकी समस्याओं का समाधान?

Lohri Festival: लोहड़ी का पर्व कब है?

Year Ender 2025: वर्ष 2025 की 12 प्रमुख धार्मिक घटनाएं

Paus Amavasya 2025 पौष मास की अमावस्या का महत्व और व्रत के 5 फायदे

Guru Mmithun Gochar 2025: गुरु का मिथुन राशि में गोचर, 3 राशियों को रहना होगा संभलकर

सभी देखें

नवीनतम

Jagannath puri video: जगन्नाथ मंदिर के गुंबद पर पक्षियों का झुंड, हो सकती है कोई बड़ी दुर्घटना?

शनि ग्रह की शांति के लिए मंत्र एवं उपाय

Numerology Predictions December 2025: दिसंबर 2025 अंक ज्योतिष: किसका खुलेगा किस्मत का ताला! जानें करियर, धन और प्रेम का हाल (15 से 21 दिसंबर)

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (13 दिसंबर, 2025)

जनवरी 2026 में 4 राशियों को होगा बड़ा फायदा