क्या करें यदि जन्मकुंडल‍ी‍ न हो

भारती पंडित
ND
ज्योतिष के सारे नियम व अवधारणाएँ मुख्यत: जन्मकुंडली के आधार पर फलित होती है। ऐसे में उन लोगों के लिए समस्या खड़ी हो जाती है, जो किसी कारण वश अपने जन्म की दिनांक या समय आदि ठीक से नहीं जानते। कुंडली के अभाव में उनके सामने कई चीजें स्पष्ट नहीं हो पाती।

इस स्थिति में हमारा हाथ हमारी सहायता कर सकता है। प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली‍ में एक प्रधान ग्रह होता है, चाहे वह किसी भी भाव का स्वामी हो। उस ग्रह के अनुसार ही मनुष्‍य का जीवन प्रभावित होता है। यदि इन ग्रहों का पता लगाकर उन्हें मजबूत किया जाए तो जीवन की दिशा बदली जा सकती है।

सर्वप्रथम अपने हाथ को गौर से देखें। पाँचों ऊँगलियों की जड़ों पर जो उभार है, वे पर्वत कहलाते हैं। तर्जनी से अँगूठे तक ये क्रमश: गुरु, शनि, सूर्य, बुध और शुक्र पर्वत को‍ दिखाते हैं। हाथ के बी‍च में क्रमश: मंगल, राहु और केतु के पर्वत होते हैं। प्रत्येक पर्वत को दबाकर देखें।

जो पर्वत उभरा हुआ है, जिस पर कोई कटी-फटी रेखाएँ या दाग-धब्बे-तिल आदि नहीं है, वे आपके मजबूत ग्रह है। इसके विपरीत दबे हुए, कटी-फटी रेखाओं वाले पर्वत नीच ग्रह माने जाएँगे। रेखाएँ सीधी हो तो शुभ हैं, आड़ी या एक-दूसरे को काटने वाली रेखाएँ शुभ नहीं हो‍ती।

ND
अब उभरे पर्वतों को देखें। इनमें से सबसे मजबूत और साफ-सुथरा पर्वत चुनें। यह आपका प्रतिनि‍धि ग्रह होगा जिसको मजबूत करने से, जिसका रत्न पहनने से या जिसका मंत्र जाप करने से आपको लाभ मिलेगा।

अब दबे हुए पर्वतों को देखें। ये वो ग्रह है जो आपको परेशानी दे सकते हैं। विशेषकर नीच का शनि, गुरु बेहद कष्‍ट देते हैं। इनका जप दान करना उचित होता है।

प्रतिनिधि ग्रह इष्‍ट देव रत्न दान सामग्री
गुरु विष्‍णु पुखराज पीली वस्तुएँ
शुक्र देवी के रूप हीरा सफेद मिठाई
शनि शिव जी नीलम काली वस्तुएँ
सूर्य गायत्री, विष्णु माणिक सफेद वस्तुएँ, नारंगी
बुध गणेश पन्ना हरी वस्तु
मंगल हनुमानजी मूँगा लाल वस्तुएँ
चंद्र शिवजी मोती सफेद वस्तु

विशेष : राहु और केतु पर्वतों के खराब होने पर क्रमश: सरस्वती और गणेश जी की आराधना करना लाभ देता है। ' ऊँ रां राहवे नम:' और ' ऊँ कें केतवे नम:' के जाप से भी ये ग्रह शां‍त होते हैं।

Show comments

Surya grahan 2024: अक्टूबर 2024 में लगेगा इस सदी का सबसे बड़ा सूर्यग्रहण, 4 राशियों के लिए नहीं है शुभ

Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि में करें इन श्लोकों का पाठ

आंध्र प्रदेश का एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर जहां हवा में तैरता है स्तंभ

Shardiya navratri 2024 date: शारदीय नवरात्रि कब से शुरू होगी, 3 या 4 अक्टूबर? तिथियों को लेकर करें कन्फ्यूजन दूर

Sarva pitru amavasya 2024 date: सर्वपितृ अमावस्या कब है 1 अक्टूबर या 2 अक्टूबर 2024?

Aaj Ka Rashifal: आज इन राशियों को मिलेगा कारोबार में लाभ, पढ़ें 27 सितंबर का राशिफल

27 सितंबर 2024 : आपका जन्मदिन

27 सितंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Sarva Pitru Amavasya 2024: सर्वपितृ अमावस्या पर मंडरा रहा सूर्य ग्रहण का साया, जानें कब से कब तक रहेगा

Surya grahan 2024: अक्टूबर 2024 में लगेगा इस सदी का सबसे बड़ा सूर्यग्रहण, 4 राशियों के लिए नहीं है शुभ