राशि से जानिए कौन से रोग हो सकते हैं आपको

Webdunia
रविवार, 16 नवंबर 2014 (13:21 IST)
ज्योतिषशास्त्र के ग्रंथों में कालरूपी पुरुष के शरीर के विविध अंगों में मेष से लेकर मीन तक बारह राशियों की स्थापना की गई है जिसके आधार पर उसके अंग रोगग्रस्त या स्वस्थ हैं, यह जाना जा सकता है।

ज्योतिष शास्त्र की मान्यता के अनुसार मेष राशि- सिर, वृष- मुख, मिथुन- भुजा, कर्क- हृदय, सिंह- पेट, कन्या- कमर, तुला- वस्ति, वृश्चिक- गुप्तांग, धनु- उरू, मकर- घुटने, कुम्भ- जंघा तथा मीन राशि पैरों का प्रतिनिधित्व करती है।
 
 
 
12 राशियां स्वभावत: जिन-जिन रोगों को उत्पन्न करती हैं, वे इस प्रकार हैं-
 
मेष- नेत्ररोग, मुख रोग, सिरदर्द, मानसिक तनाव तथा अनिद्रा।
वृष-
गले एवं श्वास नली के रोग, आंख, नाक एवं गले के रोग।
मिथुन रक्तविकार, श्वास, फुफ्फुस रोग।
कर्क-
हृदयरोग तथा रक्तविकार।
सिंह-  पेटरोग तथा वायु विकार।
कन्या- 
आमाशय के विकार, अपच, जिगर और कमर दर्द।
तुला-  मूत्राशय के रोग, मधुमेह, प्रदर एवं बहुमूत्र।
वृश्चिक-  गुप्त रोग, भगन्दर, संसर्गजन्य रोग।
धनु-  यकत्-रोग, मज्जा रोग, रक्तदोष, अस्थिभंग।
मकर-  वातरोग, चर्मरोग, शीतरोग, रक्तचाप।
कुम्भ-  मा‍नसिक रोग, ऐंठन, गर्मी, जलोदर।
मीन-  एलर्जी, गठिया, चर्मरोग एवं रक्तविकार।



 

बुध का कर्क राशि में गोचर, 3 राशियों के लिए शुभ और 3 के लिए अशुभ

बाबा वेंगा ने क्यों की थी भारत पर टिड्डियों के हमले की भविष्यवाणी?

इन 3 में से किसी एक तारीख को शुरू होगा भारत और पाकिस्तान के बीच भयानक युद्ध

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी, तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत और खत्म होने का समय, जानिए क्या होगा इस युद्ध में

21 जून को साल के सबसे लंबे दिन पर करें ये 8 विशेष उपाय

Aaj Ka Rashifal: 20 जून, आज इन 4 राशियों के सपने होंगे पूरे, पढ़ें बाकी राशियों का भविष्य क्या कहता है?

20 जून 2025 : आपका जन्मदिन

20 जून 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

21 जून को रात सबसे छोटी क्यों होती है? जानें कारण और रोचक जानकारी

साल 2025 के पहले सूर्य ग्रहण से मची तबाही और अब लगने वाला है दूसरा सूर्य ग्रहण