वामा साहित्य मंच ने मनाया स्थापना दिवस, नई कार्यकारिणी हुई गठित, अध्यक्ष एवं सचिव हुए मनोनीत

WD Feature Desk
इंदौर। साहित्यिक संस्था वामा साहित्य मंच 5 जनवरी 2025 को होटल अपना एवेन्यू में अपना स्थापना दिवस मनाया। 5 जनवरी 2017 को इस संस्था की स्थापना हुई थी तब से लेकर अब तक यह कई आयोजन सम्पन्न कर चुकी है। प्रति दो वर्ष में संस्था की नई कार्यकारिणी गठित होती है। साल 2025-26 के लिए मंच की अध्यक्ष साहित्यकार ज्योति जैन होंगी और सचिव स्मृति आदित्य रहेंगी। आयोजन में सभी ने एकता व अखंडता की शपथ ली। मुख्य अतिथि श्रीमती ज्योति छाजेड़ (डायरेक्टर, श्री कंवरतारा शैक्षणिक संस्थान,मंडलेश्वर) थीं। कार्यक्रम के दूसरे भाग में 'देश रंगीला' प्रस्तुति हुई जिसमें सद्स्यों ने विविध भाषा व बोली में लोकगीत सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए. दो साल के लिए गठित पूरी कार्यकारिणी इस प्रकार है-
 
नवगठित पदाधिकारी 
संस्थापक अध्यक्ष: पदमा राजेंद्र
अध्यक्ष: ज्योति जैन
सचिव: स्मृति आदित्य
उपाध्यक्ष: वैजयंती दाते,डॉ.शोभा प्रजापति 
सहसचिव: डॉ.अंजना चक्रपाणि मिश्र,डॉ.प्रतिभा जैन 
कोषाध्यक्ष: रुपाली पाटनी,उषा गुप्ता
प्रचार-प्रसार प्रभारी: डॉ.रागिनी सिंह,सपना साहू
कार्यकारिणी सदस्य:- डॉ. किसलय पंचोली, संगीता परमार, दिव्या मंडलोई, प्रीति दुबे, रश्मि चौधरी, अवंती श्रीवास्तव, वंदना पुणतांबेकर, अनिता जोशी, कविता अर्गल, वाणी जोशी और प्रतिभा जैन शाह। 
 
मार्गदर्शक मंडल : डॉ.प्रेम कुमारी नाहटा, शारदा मंडलोई,अमर खनूजा चड्ढा, इंदु पाराशर। आयोजन का संचालन डॉ. गरिमा संजय दुबे और संगीता परमार ने किया। आभार वैजयंती दाते और डॉ. अंजना चक्रपाणि मिश्र ने माना। आयोजन में साझा संकलन का लोकार्पण और प्रतियोगिता के पुरस्कार भी दिए गए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

सेहत का खजाना है सर्दियों का ये छोटा सा फल, इस विटामिन की होती है पूर्ति

Back Pain : पीठ दर्द से राहत पाने के लिए घर पर ही करें इलाज, दिखेगा तुरंत असर

क्या छोटी-छोटी बातें भूलना है ब्रेन फॉग की निशानी, क्या हैं इस इस बीमारी के लक्षण

चीन में फैला HMPV वायरस कितना है खतरनाक: जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय

थपथपाएं माथा, सेहत रहेगी दुरुस्त, जानें क्या है सही तरीका

सभी देखें

नवीनतम

Lohri 2025 Fashion Tips : नई नवेली दुल्हन हैं तो इस लोहड़ी पर अपनी स्टाइल और खूबसूरती में ऐसे लगाएं चार चांद

जर्मनी में भारतीय सबसे अधिक कमाते हैं, आखिर क्या है इसकी वजह?

ट्रेडिशनल से लेकर इंडो वेस्टर्न तक : इस मकर संक्रांति ऐसे बनाएं खुद को खूबसूरत और एलिगेंट

पोंगल में क्या क्या बनता है?

मकर संक्रांति 2025: पतंग उड़ाने से पहले जान लें ये 18 सावधानियां

अगला लेख