'किस ऑफ लव- अश्लीलता न छोड़ेंगे ‘हम’ कर लो जितने जतन’

Webdunia
- रोहित श्रीवास्तव

दुनियाभर में भारत देश अपनी भाषाओं, धर्मों और खासकर अपनी अद्वितीय सांस्कृतिक सभ्यताओं और अतुलनीय परंपराओं के विभिन्न रंगों में विविधताओं के लिए विख्यात है। भारतीय संस्कृति सही मायनों में विश्व के लिए एक ‘धरोहर’ के तौर पर ही है। जीवन से जुड़े कई अनसुलझे रहस्यों का पर्दा इसी ने उठा मानव जनकल्याण में अहम योगदान देने का काम किया है। 
 
आज उसी भारतीय संस्कृति का बेड़ा गर्क कर उसे विश्व के कोने-कोने तक बदनाम करने का बीड़ा उठाया है ‘चुम्मा-चाटी’ संघ ने। कोच्चि से कोलकाता होते हुए संघ के बेशर्मों की एक मतवाली टोली अब अपनी गंदगी फैलाने राजधानी दिल्ली आ पहुंची है। सरकार की तरफ से बयान आया है कि यह मुहिम प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए 'स्वच्छ भारत आंदोलन' को कमजोर करने की साजिश है। हम ऐसे असामाजिक तत्वों पर गंभीरता से न्यायोचित कार्रवाई करते हुए बड़ी सख्ती से निपटेंगे। 
 
दूसरी तरफ ‘चुम्मा-चाटी’ संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान हाफमी ने कहा है कि हम 'किस ऑफ लव' की मुहिम से दुनिया को यह बता देना चाहते हैं कि हम 'किस' कोटि के नीच और अश्लील प्राणी हैं। एक कदम आगे जाते हुए वे कहते हैं कि 'दाग लगने से कुछ अच्छा होता है, तो दाग अच्छे हैं'। उनका मानना है यह उनके लिए ‘आत्म-अपमान’ की लड़ाई है। उन्होंने तो सरकार से ‘वेलेंटाइन डे’ को ‘राष्ट्रीय प्रेम पर्व’ घोषित करने की ‘नाजायज’ मांग भी रख दी है। उनका कहना है कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, हम ‘बेशर्मी’ और ‘अश्लीलता’ का गंदा खेल जारी रखेंगे। 
 
संघ की महिला सेल की अध्यक्ष सनी डायनो ने बताया कि हमें अश्लीलता फैलाने से कोई नहीं रोक सकता। अगर हमें ऐसा करने से रोका गया तो हम अपनी गंदगी पूरे देश में और भी जोरों-शोरों एवं उग्र तरीके से फैलाएंगे। 
 
दूसरी वरिष्ठ महिला सदस्य मल्लिका महरावत ने कहा कि 'चुम्मा-चाटी' संघ के सारे कार्य समाजहित की दुर्गति के लिए हैं। हम अपना यह 'अश्लीलता' का कारोबार बड़ी बेशर्मी से जारी रखेंगे। देश का युवा वर्ग हमसे ‘बेशर्मी’, 'लज्जा' और ‘हया’ की सारी कलाएं सीखेगा, इसका हम सभी को पूर्ण विश्वास दिलाना चाहते हैं। आज हालत कुछ ऐसी है कि देश के बुजुर्ग खुद को ‘ठगा’ हुआ-सा महसूस कर रहे हैं। 
 
एक बाबाजी तो कहते हैं कि 'लाहौल विला कूवत' हमारे जमाने में कभी ऐसी मुहिम नहीं चली।' नहीं तो मियां हम तो सबसे आगे होते'। 
 
पूनम सांडे जो बेशर्मी की मल्लिका क्वीन मानी जाती हैं, उन्होंने महरावत की बात का पुरजोर समर्थन किया है। शेरलीन चोपड़ा ने भी सरकार को कड़े शब्दों में चेताया है कि अगर संघ की मांगों को समय पर पूरा नहीं किया गया तो वह भी इस मुहिम में बढ़-चढ़कर कूद जाएगी। ऐसी आशंका है कि ‘कामसूत्र’ की न्यायिका सरकारी तंत्र पर अपनी अश्लीलता की अद्भुत्त शक्ति के साथ कहर ढा सकती है। इस खबर से सरकारी महकमे में हलचल और भी बढ़ गई है।
 
अब देखने वाली बात होगी कि आने वाले समय में ‘चुम्मा-चाटी’ संघ और सरकार की तनातनी कहां तक जाती है? पर जो भी कहो, संघ के इस कदम से प्रधानमंत्री के ‘स्वच्छ भारत आंदोलन’ पर खतरे और ‘गंदगी’ के बादल मंडराने लगे हैं। 
 
 
Show comments

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे

थकान भरे दिन के बाद लगता है बुखार जैसा तो जानें इसके कारण और बचाव

गर्मियों में करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, तेजी से घटेगा वजन

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे

चित्रकार और कहानीकार प्रभु जोशी के स्मृति दिवस पर लघुकथा पाठ

गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्‍टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे

Labour Day 2024 : 1 मई को क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस?

वर्कआउट करते समय क्यों पीते रहना चाहिए पानी? जानें इसके फायदे

सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है खाने में तड़का, आयुर्वेद में भी जानें इसका महत्व