मिट्टी के लोंदों का शहर

विजयशंकर चतुर्वेदी

Webdunia
WDWD
अंतरिक्ष में बसी इंद्रनगरी नहीं

न ही पुराणों में वर्णित कोई ग्राम

बनाया गया इसे मिट्टी के लोंदों से

राजा का किला नहीं

यह नगर है बिना परकोटे का

पट्टिकाओं पर लिखा

हम्मूराबी का विधान यहाँ नहीं लागू

सीढ़ियोंवाले स्नानागार भी नहीं हैं यहाँ

यहाँ के पुल जाते अक्सर टूट

नालियों में होती ही रहती टूट-फूट

इमारतें जर्जर यहाँ की।

द्रविड़ सभ्यता का नगर भी नहीं है यह

यहाँ नहीं सजते हाट काँसे-रेशम के

कतारों में खड़े लोग

बेचते हैं श्रम और कलाएँ सिर झुकाए

करते रहते हैं इंतजार किसी देवदूत का

रोग, दुःख और चिंताओं में डूबे

शाम ढले लौटते हैं ठिकानों पर

नगर में बजती रहती है लगातार कोई शोकधुन।

Show comments

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे

थकान भरे दिन के बाद लगता है बुखार जैसा तो जानें इसके कारण और बचाव

गर्मियों में करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, तेजी से घटेगा वजन

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में

चित्रकार और कहानीकार प्रभु जोशी के स्मृति दिवस पर लघुकथा पाठ

गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्‍टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे

Labour Day 2024 : 1 मई को क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस?