शिरोमणि अकाली दल : दुनियाभर के सिखों की उठाई आवाज

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Shiromani Akali Dal History: दुनियाभर में सिखों की आवाज बुलंद करने के लिए दिसंबर 1920 को शिरोमणि अकाली दल की स्थापना की गई। सरदार सरमुख सिंह चुब्बल एकीकृत अकाली दल के पहले अध्‍यक्ष थे। इनके बाद मास्टर तारासिंह (1883-1967) के नेतृत्व में अकाली दल ने सर्वाधिक लोकप्रियता प्राप्त की।

वर्तमान में शिरोमणि अकाली दल (बादल) क्षेत्रीय दल के रूप में चुनाव आयोग में पंजीकृत है। इसके प्रमुख प्रकाश सिंह बादल के पुत्र सुखबीर सिंह बादल हैं। इसका चुनाव चिह्न तराजू है। 
 
प्रकाश सिंह बादल पहली बार 1970 में करीब 15 महीने के लिए मुख्‍यमंत्री बने थे। दूसरी बार वे 1977 में मुख्‍यमंत्री बने। बादल 1907 में मुख्‍यमंत्री बनने के बाद लगातार 10 साल तक प्रधानमंत्री बने रहे। शिरोमणि अकाली दल को पहले ही लोकसभा चुनाव में 4 सीटें मिली थीं।

अकाली दल ने सबसे अच्छा प्रदर्शन 1999 के लोकसभा चुनाव में किया, जब उसे 10 सीटों पर विजयश्री हासिल हुई। उस समय अकाली दल वाजपेयी सरकार में एनडीए सहयोगी के रूप में शामिल था। 
16वीं लोकसभा में अकाली दल को 4 सीटें मिलीं। प्रकाश सिंह बादल की बहू हरसिमरत कौर मोदी सरकार में खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हैं। 1917 में हुए विधानसभा चुनाव में अकाली दल को बुरी हार झेलनी पड़ी थी। दल को 117 सदस्यीय विधानसभा में मात्र 15 सीटें मिलीं, जबकि उसकी सहयोगी भाजपा को 3 सीटें मिली थीं।

वर्ष 2007 में अकाली दल को 48 (+19 भाजपा) और 2012 में 56 (+12 भाजपा) सीटें मिली थीं। 2022 के चुनाव में भी अकाली दल को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। इस चुनाव में प्रकाश सिंह बादल जैसा वटवृक्ष आम आदमी पार्टी की आंधी में धराशायी हो गया। 

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