नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद बुधवार को पहली बार अयोध्या पहुंचे। उन्होंने अपने भाषण में न सिर्फ विपक्षी दलों को निशाने पर लिया, बल्कि पड़ोसी पाकिस्तान को भी आतंकवाद के नाम पर कड़ा संदेश दिया। आइए जानते हैं नरेन्द्र मोदी के भाषण की 5 प्रमुख बातें...
राम मंदिर को परोक्ष समर्थन : नरेन्द्र मोदी ने यहां राम मंदिर की सीधे-सीधे तो बात नहीं की, लेकिन उन्होंने यह कहकर हिन्दू समुदाय को संदेश देने की कोशिश की कि अयोध्या मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की धरती है, यह देश के स्वाभिमान की धरती है। मैं अयोध्या आकर खुद को धन्य महसूस कर रहा हूं। भाषण के समापन पर उन्होंने जय श्रीराम के नारे भी लगवाए। फिलहाल राम मंदिर मामला अदालत में चल रहा है।
आस्था और अर्थव्यवस्था : मोदी ने राम के नाम का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने आस्था को पर्यटन और अर्थव्यवस्था से जोड़ा है। देश में रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट और बौद्ध सर्किट पर काम चल रहा है। अयोध्या की दीपावली अब चर्चा का विषय बनती है। कोरिया की प्रथम महिला अयोध्या में अतिथि के तौर पर आती हैं तो पूरे विश्व में चर्चा होती है। प्रयाग कुंभ को हमने भव्यतम बनाया।
पाकिस्तान को चेतावनी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को परोक्ष रूप से कड़ी चेतावनी दी और कहा कि हमारे पड़ोस में आतंकवाद की फैक्टरी चलती है। वे चाहते हैं कि भारत में कमजोर सरकार बने और वह (पाकिस्तान) अपने मंसूबों को अंजाम दे। आतंक और अत्याचार का अंत जरूरी है। भारत सुरक्षित रहेगा तब ही हमारी आशाएं और आकांक्षाएं पूरी हो पाएंगी।
सेना की सराहना : मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक का नाम लिए बिना सेना की सराहना करते हुए कहा कि हम आगे बढ़कर किसी को छेड़ते नहीं हैं, लेकिन कोई छेड़ेगा तो छोड़ते भी नहीं। खतरा सीमा के भीतर हो या सीमा के बाहर, यह नया हिन्दुस्तान है, घर में घुसकर मारेगा। गोली का जवाब हम गोले से देंगे। यह हम नहीं बोलते हमारे जवानों की अंगुलियां बोलती हैं।
सपा, बसपा और कांग्रेस पर निशाना : प्रधानमंत्री ने मायावती और समाजवादी पार्टी पर डॉ. राममनोहर लोहिया के नाम के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 'महामिलावटी' दलों ने श्रमिकों और गरीबों को बांटने का काम किया। इन्होंने सिर्फ अपने परिवार का ही भला किया है। आपको सपा, बसपा और कांग्रेस की सच्चाई जानना जरूरी है।