लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज दिखाएंगे 'दस का दम', इन सीटों को जिताने की मिली जिम्मेदारी

विकास सिंह
भोपाल। मध्यप्रदेश में पंद्रह साल का वनवास खत्म कर सत्ता में वापस लौटी कांग्रेस इस बार लोकसभा चुनाव में वापसी के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रही है। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते पार्टी को अपनी दो परंपरागत सीट छिंदवाड़ा और गुना छोड़ सभी पर हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि बाद में पार्टी ने उपचुनाव में रतलाम- झाबुआ सीट बीजेपी से छीन ली थी। वहीं इस बार कांग्रेस लोकसभा चुनाव में अपने सभी दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी में है। पार्टी में इसको लेकर प्रारंभिक चर्चा भी हो चुकी है।
 
पार्टी सूत्र बताते है कि प्रदेश कांग्रेस के मुखिया के साथ सूबे की कमान भी संभाल रहे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सभी दिग्गज नेताओं को खुद चुनाव लड़ने और सीटों को जिताने की जिम्मेदारी दी है। कमलनाथ के इस निर्देश के बाद साफ है कि इस चुनावी अखाड़े में कांग्रेस के दिग्गज नेता अपना दम-खम दिखाएंगे। वेबदुनिया आपको बताने जा रहा है कि पार्टी ने किस दिग्गज नेता को किस लोकसभा सीट को जीताने की जिम्मेदारी सौंपी है।
 
दिग्विजय सिंह - मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और इस बार सूबे में कांग्रेस सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले दिग्विजय सिंह को पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी में है। दिग्विजय सिंह ने खुद मंगलवार को भोपाल में कहा कि पार्टी जहां से करेगी वहां से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। सूत्र बताते है कि पार्टी दिग्विजय सिंह को किसी ऐसी सीट से चुनावी मैदान में उतारना चाह रही है जो सीट पिछले कई लोकसभा चुनाव से भाजपा का गढ़ साबित हो रही है। इन सीटों में भोपाल और इंदौर लोकसभा सीट का नाम सबसे ऊपर आता है। वहीं सूत्र बताते हैं कि दिग्विजय सिंह ने पार्टी के सामने राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। एक तरह से पार्टी ने दिग्विजय सिंह को इन तीनों सीटों को जिताने की जिम्मेदारी सौंप दी है।
 
ज्योतिरादित्य सिंधिया - मध्यप्रदेश में कांग्रेस के सबसे आर्कषक चेहरा माने जाने वाले कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया का अपनी परंपरागत सीट गुना- शिवपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ना तय है। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस महासचिव बनाए गए सिंधिया को पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी भी बनाया है। इसके बाद सिंधिया के ग्वालियर से भी चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही है। हालांकि पिछले दिनों अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे सिंधिया ने साफ कर दिया कि वो गुना- शिवपुरी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने सिंधिया को गुना के साथ ग्वालियर सीट को जिताने की जिम्मेदारी सौंपी है।
 
नकुलनाथ - सूबे के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ इस बार लोकसभा चुनाव से अपनी सियासी पारी का आगाज करने जा रहे हैं। नकुलनाथ का पिता कमलनाथ की परंपरागत सीट छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ना पूरी तरह तय है। पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा पहुंचे तो मंच पर कांग्रेस के विधायकों ने नकुलनाथ को छिंदवाड़ा का भावी सांसद बताया। नकुलनाथ भी पिता की विरासत को संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार दिखाई दे रहे हैं। इन दिनों नकुलनाथ छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र का मैराथन दौरा कर रहे हैं।
 
अजय सिंह - मध्यप्रदेश में कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का सतना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। विधानसभा चुनाव में अजय सिंह को अपनी परंपरागत सीट चुरहट से आश्चर्यजनक ढंग से हार का सामना करना पड़ा था। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद अजय सिंह के पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की भी अटकलें लगाई गई। लेकिन अब पार्टी ने अजय सिंह को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही अजय सिंह विध्य की अन्य सीटों का जिम्मा भी संभालेगें।
 
कांतिलाल भूरिया  - मध्यप्रदेश में कांग्रेस के सबसे बड़े आदिवासी चेहरे और वर्तमान में झाबुआ रतलाम सीट से सांसद कांतिलाल भूरिया को पार्टी ने उनकी परंपरागत सीट से चुनाव लड़ने की हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही कांतिलाल भूरि़या को लोकसभा के लिए छह आदिवासी बाहुल्य सीटों पर आदिवासी वोट बैंक को पार्टी की तरफ करने की जिम्मेदारी भी दी गई है।
 
अरूण यादव - प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पिछले लोकसभा चुनाव में खंडवा लोकसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार रहें अरूण यादव एक बार फिर खंडवा से ही लोकसभा चुनाव लड़े सकते हैं। पार्टी ने खंडवा सीट से उम्मीदवारों का जो पैनल बनाया है उसमें अरूण यादव का नाम सबसे उपर है। अरूण यादव की उम्मीदवारी का विरोध उन्हीं के पार्टी के पूर्व साथी और वर्तमान में बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा कर रहे हैं। लेकिन अरूण यादव का लोकसभा का टिकट पक्का माना जा रहा है।
 
रामनिवास रावत - वरिष्ठ नेता रामनिवास रावत को पार्टी मुरैना से लोकसभा चुनाव में उतारने जा रही है। विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले रामनिवास रावत की कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी पकड़ और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा को देखते हुए आलाकमान उनके उम्मीदवारी पर मोहर लगा सकती है। 
 
विवेक तनखा - पार्टी के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता विवेक तनखा को पार्टी जबलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को घेरने के लिए पार्टी जबलपुर से किसी बड़े नेता को उतारने का मन बना रही है। ऐसे में पार्टी विवेक तनखा पर दांव लगा सकती है। विधानसभा चुनाव में पार्टी ने विवेक तनखा को महाकौशल की जिम्मेदारी दी थी और पार्टी ने महा कौशल में अच्छा प्रदर्शन भी किया था। इस बार लोकसभा चुनाव में भी पार्टी विवेक तनखा को महाकौशल की सीटों की जिम्मेदारी दी है।
 
सुरेश पचौरी - पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी भी लोकसभा चुनाव के लिए टिकट के दावेदार है। विधानसभा चुनाव में भोजपुर से हार का सामना करने वाले सुरेश पचौरी होशंगाबाद से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं, जहां उनके साथ टिकट की दौड़ में पूर्व मंत्री और विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल होकर होशंगाबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़े सरताज सिंह भी है।
 
मुकेश नायक - पूर्व मंत्री और पार्टी के सीनियर नेता मुकेश नायक को पार्टी खजुराहो या दमोह सीट से चुनावी मैदान में उतार सकती है। विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले मुकेश नायक पर पार्टी के नेता लोकसभा चुनाव में एक बार फिर दांव लगाने की तैयारी में है।

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