भोपाल। विधानसभा की तरह लोकसभा चुनाव में भी बागी बीजेपी के लिए मुसीबत का सबब बनते जा रहे हैं। पार्टी की पहली लिस्ट आने के बाद बीजेपी में नेताओं के बगावत के सुर तेज हो गए हैं। नेताओं को बगावत से रोकने और पार्टी को हो रहे डैमेज को कंट्रोल करने के लिए अब आलाकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जिम्मेदारी सौंपी हैं। पार्टी केंद्रीय नेतृत्व ने शिवराज को पार्टी मुख्यालय में बैठकर बागी नेताओं से बात कर उनको मनाने का कहा है।
पार्टी केंद्रीय नेतृत्व ने ऐसे समय जब सूबे में बगावत की आग बढ़ती जा रही है तब शिवराज को पार्टी कार्यालय में अधिक समय देने को कहा है। हर दिन पूरे प्रदेश से टिकट के कई दावेदार और टिकट नहीं मिलने से नाराज नेता बड़ी संख्या में भोपाल में पार्टी के मुख्यालय पहुंच रहे हैं।
बागी बिगाड़ेंगे समीकरण – वर्तमान में सूबे में 26 लोकसभा सीटों पर काबिज बीजेपी में पहली लिस्ट आने के बाद से ही बागी पार्टी प्रत्याशियों के समीकरण बिगाड़ रहे हैं। सीधी से वर्तमान सांसद रीति पाठक को दोबारा टिकट मिलने के बाद सिंगरौली बीजेपी जिला अध्यक्ष कांति देव सिंह और विधायक केदारनाथ शुक्ला ने दूरी बना ली है। वहीं मंदसौर से वर्तमान सांसद सुधीर गुप्ता को टिकट मिलने के बाद टिकट के दूसरे दावेदार प्रदेश महामंत्री बंशीलाल गुर्जर ने मोर्चा खोल दिया है।
इसी तरह भिंड में संध्या राय को टिकट मिलने के बाद पार्टी के दिग्गज नेता और पांच बार के सांसद और मुरैना से महापौर अशोक अर्गल ने पार्टी छोड़ने के तैयारी में है। आशोक अर्गल के दिल्ली में कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी मिलने की खबरें भी है। वहीं टीकमगढ़ से भी वर्तमान सांसद वीरेंद्र खटीक को टिकट मिलने के बाद पूर्व विधायक आरडी प्रजापति ने भी लगभग विद्रोह कर ही दिया है।
खंडवा में भी मौजूदा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान को फिर से टिकट मिलने के बाद पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस नाराज बताई जा रही हैं। विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कार्यकर्ताओं की नाराजगी भारी पड़ी थी इसलिए बीजेपी इस बार अभी से नाराज नेताओं को मनाने और डैमेज कंट्रोल में जुट गई है।