झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी प्रशासन के बीच मंगलवार सुबह उस समय बड़ी खलबली मच गई जब स्ट्रांग रूम में ईवीएम बदले जाने की अफवाह पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई।
जानकारी मिलते ही आनन-फानन में पूरा प्रशासनिक अमला भोजला मंडी पहुंचा जहां सोमवार को हुए मतदान के बाद ईवीएम एक स्ट्रांग रूम में सील करके रखी गई हैं। इस पूरे मामले में प्रशासन ने विपक्षी पार्टियों को भी सूचित किया और जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने सपा-बसपा गठबंधन के नेता श्याम सुंदर सिंह परीछा और उनके समर्थकों के सामने बाहर से लाई गई ईवीएम मशीनों को चेक कराया जो पूरी खाली थीं। निरीक्षण के बाद गठबंधन प्रत्याशी ने पूरे मामले को महज एक अफवाह करार दिया।
मामले पर हड़कंप तब मचा जब सरकारी गाडियों में कुछ ईवीएम मशीनें झांसी तहसील से भोजला मंडी जमा कराए जाने के लिए लाई जा रही थीं। गठबंधन उम्मीदवार ने बताया कि उन्हें सूचना मिली की मंडी में बाहर से ईवीएम मशीनें लाई जा रही हैं और मंडी के स्ट्राँग रूम में सील करके रखी गईं ईवीएम को बदला जा रहा है, जिसके बाद हमारे कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे।
जिलाधिकारी ने इस पूरे मामले पर स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि सोमवार को हुए मतदान के बाद यहां मंडी में सभी इस्तेमाल की गई ईवीएम विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की उपस्थिति में वीडियोग्राफी कराते हुए, चुनाव आयोग की प्रतिनिधि और तमाम सुरक्षा बलों की उपस्थिति में कल ही सील कराकर स्ट्रांग रूम में रखवा दी गई थीं।
आयोग के यह स्पष्ट निर्देश हैं कि इस्तेमाल की गईं ईवीएम की ही तरह इस्तेमाल नहीं हुई या पोलिंग के पहले ही खराब हुई या रिजर्व में रखीं गईं मशीनों को एक अलग स्ट्रांग रूम में रखा जाए। अन्य तहसीलों की इस तरह की ईवीएम को स्ट्रांग रूम में रखा गया था।
उन्होंने बताया कि कल झांसी तहसील की ऐसी बची ईवीएम नहीं आ पाई थीं और आज सुबह उन्हें ही यहां लाया जा रहा था कि तभी किसी ने यह अफवाह फैला दी की बाहर से ईवीएम लाकर यहां रखीं सील बंद ईवीएम को बदला जा रहा है और इसी के बाद सारी अफरातफरी मच गई। इसके बाद विपक्षी दलों के नेताओं को बुलाकर उनके सामने बाहर से लाई गई इन ईवीएम को चेक करके दिखाया गया और पाया गया कि यह पूरी तरह से खाली थीं।
अवस्थी ने कहा कि मतदान में इस्तेमाल की गई ईवीएम और वीवीपैट मशीनें हमारे स्ट्रांग रूम में सोमवार को ही सील करके रख दी गई थीं और त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था में उनको रखा गया है। इस जगह की पलपल की रिकॉर्डिंग सीसीटीवी कैमरों से की जा रही है।
उसके अलावा सुरक्षा बलों की पूरी निगरानी में मशीनों को रखा गया है। इतना ही नहीं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को यहां रुककर नजर रखने की भी सुविधा दी गई है और अगर किसी दल के प्रतिनिधि चौबीस घंटे भी रुकना चाहते हैं तो उन्हें इसकी इजाजत है। कहीं कोई ईवीएम नहीं बदली गई है और यह कोरी अफवाह है। जिलाधिकारी ने कहा कि पूरे मामले की जांच और इस तरह अफवाह फैलाने वालों की पहचान के लिए जांच दल का गठन कर दिया गया है।