भोपाल। लोकतंत्र का महापर्व शुरू हो गया है, चुनाव आयोग ने पूरे देश में सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराने की घोषणा कर दी है, ऐसे में देश की कुछ ऐसी सीटें हैं जिस पर चुनाव के दौरान पूरे देश की निगाहें लगी रहेंगी। इस बार एक ओर तो छिंदवाड़ा जिले की विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री कमलनाथ विधानसभा चुनाव लड़ेंगे तो दूसरी ओर छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से उनके बेटे नकुलनाथ लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा सीट भी देश की सबसे हाई प्रोफाइल सीट बन गई है। कांग्रेस के गढ़ के रूप में पहचाने जाने वाला छिंदवाड़ा जिला इस बार नया इतिहास बनाने की तैयारी में है। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट में आने वाली सात विधानसभा सीटों में से एक सीट छिंदवाड़ा विधानसभा सीट भी है और इसी सीट से सूबे के मुख्यमंत्री कमलनाथ विधानसभा का उपचुनाव लड़ने जा रहे हैं। खुद कमलनाथ ने इस बात की जानकारी मीडिया को दी। पीसीसी में बात करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि चूंकि छिंदवाड़ा विधायक ने अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया है, इसलिए वे इस सीट से विधानसभा के उचुनाव में मैदान में उतरेंगे। वर्तमान में मुख्यमंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से सांसद हैं।
कांग्रेस विधायक ने दिया था इस्तीफा : मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से चुनकर आए कांग्रेस विधायक दीपक सक्सेना ने इस्तीफा दे दिया था। मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी नेता के रूप में पहचाने जाने वाले दीपक सक्सेना ने कहा था कि छिंदवाड़ा की जनता चाहती है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ जी यहां से चुनाव लड़ें, यही इच्छा मेरी भी है। मुख्यमंत्री कमलनाथ वर्तमान में विधानसभा के सदस्य नहीं हैं और संसदीय नियमों के मुताबिक उन्हें छह महीने में विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी है।
नकुलनाथ छिंदवाड़ा से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव : एक ओर तो छिंदवाड़ा जिले की विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री कमलनाथ विधानसभा चुनाव लड़ेंगे तो दूसरी ओर छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से उनके बेटे नकुलनाथ लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। पार्टी मध्यप्रदेश के लिए लोकसभा उम्मीदवारों की जो पहली सूची जारी करेगी, उसमें उनके नाम का ऐलान होना तय है। नकुलनाथ छिंदवाड़ा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ते हैं तो संभवत: ये देश के इतिहास में पहला मौका होगा कि जब एक ही नाम की सीट से पिता-पुत्र दो अलग-अलग सदनों में बैठेंगे।
भाजपा घेरने की तैयारी में : छिंदवाड़ा में मुख्यमंत्री कमलनाथ को भाजपा उनके घर में ही घेरने की तैयारी में है। भाजपा इस बार लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा से किसी दिग्गज नेता को चुनाव मैदान में उतार सकती है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान के भी छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं। पिछले दिनों भाजपा के धिक्कार आंदोलन में छिंदवाड़ा पहुंचे पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने भी कहा कि वे चाहते हैं कि शिवराज छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ें।
संसदीय सीट का इतिहास : छिंदवाड़ा लोकसभा सीट की पहचान कांग्रेस के गढ़ के रूप में होती है। 2014 के लोकसभा चुनाव में जब पूरे देश में मोदी लहर चल रही था तब भी इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है। वर्तमान सांसद कमलनाथ इस सीट से पहली बार 1980 में सांसद चुने गए। तब से 1997 का उपचुनाव छोड़ बाकी सभी चुनाव में कमलनाथ का ही कब्जा रहा है। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट में सात विधानसभा सीटें आती हैं, जिसमें इस बार सातों पर कांग्रेस का कब्जा है। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से मुख्यमंत्री कमलनाथ नौ बार से सांसद हैं। इस सीट पर एक बार बीजेपी का कब्जा रहा है। 1997 के उपचुनाव में कमलनाथ को बीजेपी के दिग्गज सुंदरलाल पटवा के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।