भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए मध्यप्रदेश में बीजेपी अब पूरी तरह एक्शन मूड में आ गई है। दिल्ली में हुई राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद अब पार्टी में लोकसभा चुनाव के लिए जमीनी स्तर पर जमावट शुरू हो गई।
पार्टी ने एक ओर जहां प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों के लिए प्रभारी और सहप्रभारी नियुक्त कर दिए है, वहीं लोकसभा चुनाव के प्रदेश के प्रभारी बनाए गए यूपी के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह और सह प्रभारी सतीश उपाध्याय ने भी भोपाल में पार्टी के नेताओं के साथ बैठक कर लोकसभा के लिए बनाए गए प्लान को अमलीजामा पहनाने का काम शुरू कर दिया है।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से मामूली अंतर से पिछड़ने के बाद सत्ता गंवाने वाली बीजेपी लोकसभा चुनाव के लिए कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है।
इसके लिए पार्टी ने अब लोकसभा चुनाव में अपने दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने का मन बना रही है। पार्टी प्रदेश में अपने सबसे बड़े और लोकप्रिय चेहरे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को विदिशा संसदीय सीट से मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है।
विदिशा लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पहले ही लोकसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान कर चुकी है। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान का विदिशा से लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं।
शिवराजसिंह चौहान के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा को भी पार्टी लोकसभा चुनाव में टिकट देकर मैदान में उतार सकती है।
इसके साथ ही पार्टी विधानसभा चुनाव से सबक लेते हुए अपने कई ऐसे मौजूदा सांसदों के टिकट काटने जा रही है, जिन्हें लेकर लोगों में जबरदस्त एंटी इनकमबेंसी है।
ऐसे में जब मार्च के पहले हफ्ते में लोकसभा चुनाव की घोषणा होने की संभावना है। पार्टी ने चुनाव जीतने के लिए अपना हाईप्रोफाइल प्लान तैयार कर लिया है।
लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी एक बार फिर लोगों के बीच तक पहुंचने और बूथ स्तर तक अपने कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने के लिए ग्राम और नगर केन्द्र सम्मेलन, विश्वविद्यालय स्तर पर युवा संसद सम्मेलन, सैनिक सम्मान समारोह, राष्ट्रीय रक्षा दिवस समारोह, बूथ स्तर पर कमल विकास ज्योति संकल्प अभियान, मेरा परिवार भाजपा परिवार एवं लाभार्थी संपर्क बूथ अभियान सहित कई ऐसे कार्यक्रम शुरू कर दिए है या करने जा रही है, जिसे पार्टी के कार्यकर्ताओं में लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर जोश भर सके और पार्टी विधानसभा चुनाव की हार को भुलाते हुए केंद्र में एक बार फिर बीजेपी सरकार बनाने के लिए एकजुट हो जाए।