बेंगलुरु। कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जद (एस) सरकार का गुरुवार को 1 साल पूरा हो रहा है लेकिन सत्तारूढ गठबंधन की नजरें लोकसभा चुनाव के नतीजों पर रहेंगी क्योंकि चुनाव परिणाम का असर इसकी स्थिरता पर पड़ सकता है।
ठीक एक साल पहले कुमारस्वामी ने राज्य में गठबंधन सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली थी। कुमारस्वामी के मुख्यमंत्री बनने से पहले राज्य में राजनीतिक नाटक हुआ था, जब सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के नेता बीएस येदियुरप्पा को विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाने के बाद 3 दिन पुरानी सरकार के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
कुमारस्वामी के 23 मई 2018 को शपथ ग्रहण समारोह में देशभर के कई प्रमुख नेता एक साथ मंच पर नजर आए थे और इसे लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा विरोधी गठबंधन की संभावनाओं के रूप में देखा गया था। अब, लोकसभा चुनाव के नतीजे कुमारस्वामी नीत गठबंधन सरकार का भविष्य तय कर सकते हैं।
चुनावी विश्लेषक भाजपा के कर्नाटक में 28 में से 20 से अधिक सीटें जीतने का अनुमान लगा रहे हैं और अगर ऐसा हुआ तो इसका साया गठबंधन सरकार के एक साल पूरे होने के जश्न की योजना पर पड़ेगा क्योंकि गठबंधन की स्थिरता खुद दांव पर है।