नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में दिल्ली की 7 सीटों पर भाजपा को कड़ी टक्कर देने की कवायद में लगी कांग्रेस को उस समय करारा झटका लगा जब अरविंद केजरीवाल की आप के साथ पार्टी की बातचीत विफल हो गई।
कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि ‘आप’ के साथ गठबंधन को लेकर हो रही उसकी बातचीत विफल हो गई है क्योंकि अरिवंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी ने चार राज्यों में गठबंधन को लेकर एक ‘अव्यावहारिक रुख’ अख्तियार कर रखा है। हालांकि, उन्होंने दिल्ली में दोनों दलों के बीच चुनावी समझौते की संभावनाओं के अभी भी जीवित रहने के संकेत दिए।
कांग्रेस के दिल्ली मामलों के प्रभारी पी सी चाको ने घोषणा की कि पार्टी राष्ट्रीय राजधानी की सभी सात लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। हालांकि, उन्होंने संकेत दिए कि वह अभी भी आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने को तैयार हैं, बशर्ते गठजोड़ केवल दिल्ली तक सीमित रहे।
हालांकि, ‘आप’ ने कहा कि गठबंधन केवल तभी संभव है जब चार राज्यों और एक केन्द्र शासित प्रदेश में गठबंधन किया जाए। कांग्रेस की घोषणा के बाद ‘आप’ ने हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ गठबंधन का ऐलान किया। चाको ने बताया कि पार्टी एक-दो दिन में दिल्ली के पार्टी प्रत्याशियों की सूची जारी कर देगी। (भाषा)