मायावती का मोदी पर बड़ा हमला, पतियों के मोदी के करीब जाने से डरती हैं भाजपा नेताओं की पत्नियां

Webdunia
सोमवार, 13 मई 2019 (14:12 IST)
लखनऊ। अलवर गैंगरेप कांड पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। पीएम मोदी और मायवती में इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप बढ़ता जा रहा है। मायावती ने मोदी के बयान के बाद उन पर व्यक्तिगत हमला किया है। मायावती ने कहा कि जो अपनी पत्नी को राजनीतिक लाभ के कारण छोड़ चुके हैं, वे बहन और पत्नियों की इज्जत करना क्या समझेंगे। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बीजेपी नेताओं की पत्नियां अपने पतियों के मोदी के करीब जाने से डरती हैं। मायावती के इस बयान के बाद भाजपा ने परिवाद को लेकर उन पर निशाना साधा है।
 
मायावती ने प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि अलवर कांड को लेकर मोदी घृणित राजनीति कर रहे हैं, ताकि चुनावों में उन्हें फायदा मिल सके। यह बहुत शर्मनाक है। मायावती ने कहा कि वे दूसरों की बहन, बेटी और पत्नी की इज्जत कैसे कर सकते हैं जब अपनी बेकसूर पत्नी को ही छोड़ चुके हैं। मायावती के इस बयान के बाद बीजेपी ने मायावती से पूछा है कि आखिर मोदी से इतनी घृणा क्यों? क्या इसलिए कि उन्होंने परिवार से ज्यादा देश को परिवार माना?
मायावती ने कहा कि मुझे तो यह तक पता चला है कि भाजपा में खासकर विवाहित महिलाएं अपने आदमियों को मोदी के नजदीक जाते देखकर यह सोचकर काफी ज्यादा घबराती रहती हैं कि कहीं यह मोदी अपनी औरत की तरह हमें भी अपने पति से अलग न करवा दें।
 
उन्होंने कहा कि दलित वर्ग को अभी तक न्याय मिला है। इससे पहले दलितों पर जो अत्याचार हुए उस पर इन्होंने कभी बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस्तीफा नहीं मांगा।
 
भाजपा नेता संबित पात्रा ने ट्वीट कर कहा कि 'जिन शब्दों का प्रयोग उन्होंने प्रधानमंत्री के लिए किया...बहुत तकलीफ होती है ..आखिर ये कैसी सोच है? ...मोदी जी से इतनी घृणा? ..क्यों? ..अपने परिवार से ज्यादा देश को परिवार माना इसलिए? ..मायावतीजी आपके लिए आपका भाई बड़ा है ..मोदीजी के लिए देश बड़ा है।
 
मायावती ने पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि अति पिछड़े वोटों को लुभाने के लिए कहते हैं कि मैं अति पिछड़ी जाति से हूं। ये जन्मजात किसी पिछड़ी जाति के नहीं हैं।

उन्होंने गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए जैसे-तैसे जुगाड़ करके अपनी अगणी जाति को पिछड़ी जाति में शामिल करा लिया था। अगर ये वाकई अति पिछड़ी जाति के होते तो इनहें दलित और अति पिछड़े वर्गों के अपने बने बंगले अखरते नहीं। यह कागजी अति पिछड़े वर्ग के हैं।

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