भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में एक बार फिर गुटबाजी की गूंज सुनाई दे रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मुकेश नायक ने लोकसभा चुनाव के साथ ही भविष्य में कोई भी चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया है।
मुकेश नायक कहते हैं कि वो जानते हैं कि वो चुनाव हार जाएंगे इसलिए चुनाव नहीं लड़ेंगे, मुकेश नायक लोकसभा चुनाव में दमोह और खजुराहो सीट से पार्टी के दावेदार थे। हाल ही में विधानसभा चुनाव में मुकेश नायक को हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद उन्होंने अपनी हार के लिए पार्टी के ही नेताओं को जिम्मेदार ठहराया था।
मुकेश नायक अपनी हार को रिसर्च का विषय बताते हैं। इस हार के बाद भी मुकेश नायक लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारियों में लगे थे लेकिन अचानक उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया।
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए अपने पत्र में मुकेश नायक ने अपना दर्द भी साझा किया है। मुकेश नायक कहते हैं कि विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपने खिलाफ ऐसे व्यक्ति का काम करते देखा जिसको उन्होंने अपने खून से सींचा था। इसके साथ ही अपने पत्र में मुकेश नायक जातिगत राजनीति से दूर रहने की बात भी कहते हैं।
इशारों ही इशारों में कुसमारिया पर साधा निशाना - मुकेश नायक के चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान के पीछे कई कारण है। पिछले दिनों कांग्रेस में बुंदेलखंड में बीजेपी के बड़े नेता और पूर्व सांसद रामकृष्ण कुसमारिया की जिस तरह एंट्री हुई उससे मुकेश नायक नाराज बताए जा रहे थे।
दो दिन पहले रामकृष्ण कुसमारिया के घर एक पारिवारिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कमलनाथ के पहुंचने के बाद ये अटकलें तेज हो गई थी कि पार्टी कुसमारिया को लोकसभा चुनाव में उतारने जा रही है। इसके बाद मुकेश नायक की टिकट दावेदारी खतरे में पड़ गई थी, पत्र में मुकेश नायक जिस जातिवाद की बात कर रहे हैंं कांग्रेस कुसमारिया के जरिए बुंदेलखंड में उसी जातिगत आंकड़ों को साधने की कोशिश में है। ऐसे में मुकेश नायक का चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान लोकसभा चुनाव से पहले बुंदेलखंड में कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।