वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा विश्वनाथ, मां गंगा और काशी को मां भारती की शक्ति का प्रतीक बताते हुए संकेत दिया कि वे उन्हीं की प्रेरणा से देश में परिवर्तन का निमित्त बने हैं। मोदी ने कहा कि बीते 5 साल पुरुषार्थ के थे और आने वाले 5 साल परिणाम के होंगे। बीते 5 साल ईमानदारी से प्रयास के थे और अगले 5 साल प्रयासों के विस्तार के होंगे, देश की प्रतिष्ठा बढ़ाने के होंगे।
मोदी ने लोकसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर गुरुवार को यहां काशी के प्रबुद्धजनों को संबोधित करते हुए अपने चुनावी अभियान को आध्यात्मिकता का पुट दिया। मोदी ने कहा कि 17 मई 2014 को गंगा के तट पर संकल्प ले रहे थे तो सोच रहे थे कि काशी की उम्मीदों पर खरा उतर पाएंगे या नहीं, लेकिन काशीवासियों की सामूहिक शक्ति के बल पर बदलाव लाने और उनकी आशा को काफी हद तक पूरा करने की दिशा में सफल हो सके।
उन्होंने काशी के विकास के लिए अपने कामों को गिनाते हुए कहा कि काशी में बाबा विश्वनाथ की इच्छा के बिना एक पत्ता तक नहीं हिल सकता है, इसलिए वे स्वयं को बाबा विश्वनाथ की प्रेरणा का निमित्त मात्र मानते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्वनाथजी के मंदिर परिसर का विकास भी बाबा की प्रेरणा से ही हो रहा है। उन्होंने कहा कि काशी के लोगों को वे बाबा विश्वनाथजी का गण मानते हैं। इसीलिए काशी की सेवा को वे अपना सौभाग्य मानते हैं और काशी के लोगों को पूजनीय मानते हैं।
मोदी ने कहा कि बाबा विश्वनाथ, मां गंगा और काशी मां भारती की शक्ति का प्रतीक हैं। उन्होंने चौकीदार शब्द के प्रयोग को नया आयाम देते हुए कहा कि काशी के कोतवाल- कालभैरव की प्रेरणा से यह चौकीदार 21वीं सदी में भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में जुटा है।
उन्होंने कहा कि नीयत सही हो तो नियंता भी साथ देता है। उन्होंने कहा कि यह चौकीदार निष्ठा और ईमानदारी से कभी नहीं डिगेगा। वे काशी की मर्यादा नहीं झुकने देंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 5 साल पुरुषार्थ के थे और आने वाले 5 साल परिणाम के होंगे। बीते 5 साल ईमानदारी से प्रयास के थे और अगले 5 साल प्रयासों के विस्तार के होंगे, देश की प्रतिष्ठा बढ़ाने के होंगे।