2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे कई मयानों में ऐतिहासिक हैं। 2014 के मुकाबले और बड़ी जीत के साथ अब नरेंद्र मोदी लगातार दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजे जिस तरह से आए हैं उससे एक बात बिलकुल साफ हो गई है कि देश ने एक बार फिर मोदी के चेहरे पर अपनी मोहर लगाकर विपक्ष के सभी चेहरों को बुरी तरह नकार दिया है। मोदी को घेरने के लिए भाई राहुल का साथ देने के लिए प्रियंका गांधी भी चुनावी मैदान में उतरीं, लेकिन भाई–बहन की जोड़ी भी कोई कमाल नहीं दिखा पाई।
भाजपा को जिस तरह बहुमत हासिल हुआ है उससे साफ पता चलता है कि मोदी के सामने विपक्ष की रणनीति पूरी तरह फ्लॉप रही। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस बार चुनाव से ठीक पहले अपना सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड माने जाने वाले प्रियंका गांधी को चुनावी मैदान में उतारकर जो दांव चला था वो बेकार गया। मोदी को घेरने के लिए भाई राहुल का साथ देने के लिए प्रियंका गांधी भी चुनावी मैदान में उतरीं, लेकिन भाई–बहन की जोड़ी भी कोई कमाल नहीं दिखा पाई।
राहुल और प्रियंका की जोड़ी फ्लॉप : लोकसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस के पूरे चुनाव अभियान की कमान राहुल और प्रियंका ने संभाल रखी थी। राहुल ने जहां पूरे देश में पार्टी के लिए चुनाव प्रचार किया, वहीं प्रियंका ने उत्तर प्रदेश में चुनाव कमान संभाली। नतीजे बताते हैं कि कांग्रेस की पूरे देश में करारी हार हुई है तो वहीं प्रियंका भी उत्तर प्रदेश में बुरी तरह फेल नजर आईं।
प्रियंका ने जिन सीटों पर चुनाव प्रचार किया उसमें सभी सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार बुरी तरह हार गए। इसके साथ उत्तर प्रदेश के बाहर भी प्रियंका ने इंदौर में पार्टी के लिए प्रचार किया था, वहां कांग्रेस की बुरी हार हुई है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी परंपरागत सीट अमेठी में भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी से पीछे चल रहे हैं, अगर कांग्रेस अमेठी सीट हार जाती है तो कांग्रेस नेतृत्व के सामने भी संकट पैदा हो जाएगा।