Ajit Pawar in trouble over statement : निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के उस बयान पर कार्रवाई के लिए अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं कि विकास निधि केवल तभी जारी की जाएगी जब उनका उम्मीदवार निर्वाचित होगा।
यह जानकारी शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (शरतचंद्र पवार) ने शुक्रवार को दी। राकांपा (शरतचंद्र पवार) ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि उसने अजित पवार और चंद्रकांत पाटिल द्वारा आदर्श आचार संहिता के सातवें प्रावधान और जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 का उल्लंघन करने के लिए भारत के निर्वाचन आयोग में एक शिकायत दी है।
पार्टी ने लिखा, कानून का घोर उल्लंघन और किसी दृष्टि की कमी के कारण, वे बार-बार अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग करके केवल अपने उम्मीदवार के निर्वाचित होने पर ही राज्य के वित्त का वितरण करने का वादा कर रहे हैं। यह प्रथम दृष्टया रिश्वतखोरी और एक भ्रष्ट आचरण है, जिसका सहारा महाराष्ट्र में सत्ता में बैठे लोगों द्वारा लिया जा रहा है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने कहा, राज्य निर्वाचन आयोग ने स्थानीय कलेक्टर और उप निर्वाचन अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। पार्टी ने कहा कि वह कानून का शासन सुनिश्चित करने के लिए निष्पक्ष, त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की उम्मीद कर रही है।
इससे पहले दिन में बारामती में शरद पवार ने उपमुख्यमंत्री की टिप्पणी की निंदा की थी और कहा था कि वह इस तरह के देने और लेने की नीति में विश्वास नहीं करते हैं। अजित पवार ने एक चुनावी रैली में कहा था कि वह विकास के लिए उदारतापूर्वक धन मंजूर करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते लोग राज्य में सत्तारुढ़ महायुति गठबंधन को वोट देते समय भी उतनी ही उदारता दिखाएं।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour