Biodata Maker

शाही परिवार ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए सिराजुद्दौला के खिलाफ लड़ाई लड़ी : अमृता रॉय

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 28 मार्च 2024 (22:04 IST)
Amrita Roy said that the royal family fought against Nawab Siraj ud Daula to protect Hinduis : पश्चिम बंगाल में कृष्णानगर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार 'राजमाता' अमृता रॉय गुरुवार को भी अपने उस रुख पर कायम रहीं कि बंगाल के तत्कालीन राजा कृष्णचंद्र रॉय ने 1757 में प्लासी की लड़ाई के दौरान अंग्रेजों का साथ दिया था, क्योंकि नवाब सिराजुद्दौला एक अत्याचारी था और उसके शासन के दौरान सनातन धर्म खतरे में था।
ALSO READ: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू, 12 राज्यों की 88 सीटों पर 26 अप्रैल को वोटिंग
कृष्णचंद्र रॉय के परिवार से संबद्ध एवं चुनाव में पहली बार कदम रखने वाली अमृता रॉय की इस टिप्पणी ने विवाद पैदा कर दिया है, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस यह प्रचार कर रही है कि तत्कालीन महाराजा ने एक सैन्य जनरल मीर जाफर का पक्ष लिया था, जिसने 1757 की प्लासी की लड़ाई में सिराज को हराने में अंग्रेजों को मदद की थी और बाद में राजा बने।
 
अमृता रॉय कृष्णानगर लोकसभा सीट पर तृणमूल की उम्मीदवार महुआ मोइत्रा के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के कुशासन और भ्रष्टाचार ने उन्हें राजनीति में शामिल होने और राज्य के लिए विकास कार्य करने को मजबूर किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रॉय से फोन पर बातचीत की। रॉय की शादी महाराजा कृष्णचंद्र रॉय के 39वें वंशज सौमिश चंद्र रॉय से हुई है।
ALSO READ: महुआ मोइत्रा ने क्यों किया ED नोटिस को नजरअंदाज, क्या है लोकसभा चुनाव से कनेक्शन?
प्रधानमंत्री से बातचीत को लेकर पार्टी की ओर से साझा किए गए विवरण के अनुसार, भाजपा नेत्री रॉय ने प्रधानमंत्री से कहा कि उनके परिवार को गद्दार कहा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कृष्णचंद्र रॉय ने लोगों के लिए काम किया और सनातन धर्म को बचाने के लिए अन्य राजाओं से हाथ मिलाया। रॉय ने कहा कि तृणमूल को आधारहीन टिप्पणी करने से पहले इतिहास पढ़ना चाहिए।
 
महाराजा कृष्णचंद्र रॉय ने ऐसा क्‍यों किया : उन्होंने कहा, आरोप है कि महाराजा कृष्णचंद्र रॉय ने अंग्रेजों का पक्ष लिया था। सवाल यह है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया? ऐसा सिराजुद्दौला के अत्याचार के कारण हुआ। अगर महाराजा कृष्णचंद्र रॉय ने ऐसा नहीं किया होता, तो हिंदू धर्म और बांग्ला भाषा राज्य में नहीं बची होती।
 
महाराजा कृष्णचंद्र रॉय का जन्म 1710 में हुआ था और उन्होंने 1783 तक शासन किया था। नादिया के इतिहास में वह एक प्रमुख व्यक्ति थे जिन्हें सिराजुद्दौला का विरोध करने और दुर्गा पूजा एवं जगधात्री पूजा जैसे सार्वजनिक त्योहारों को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। उनके 55 वर्षों के शासन ने बंगाल के प्रशासनिक सुधारों पर भी अमिट छाप छोड़ी।
 
सिराजुद्दौला के अत्याचार के कारण सनातन धर्म खतरे में था : तृणमूल ने एक सोशल मीडिया अभियान शुरू किया है, जिसमें दावा किया गया है कि कृष्णचंद्र रॉय ने मीर जाफर, जगत सेठ और अन्य के साथ गठबंधन किया था और सिराजुद्दौला के खिलाफ लड़ाई में अंग्रेजों का पक्ष लिया था। रॉय ने कहा, सिराजुद्दौला के अत्याचार के कारण सनातन धर्म खतरे में था। महाराजा कृष्णचंद्र रॉय ने बंगाल और हिंदू धर्म को बचाया। रॉय ने तृणमूल पर ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, राजनीति में शामिल होना एक सोचा-समझा निर्णय था।
 
बंगाल में रहने वाले लोग तृणमूल से खुश नहीं हैं : रॉय ने कहा कि मैं एक अराजनीतिक व्यक्ति हूं, लेकिन मैं अनुरोध पर भाजपा में शामिल हुई हूं, क्योंकि यह एक अच्छा राजनीतिक मंच है। बंगाल में रहने वाले सभी लोग तृणमूल के कुशासन से तंग आ चुके हैं। लोग तृणमूल से खुश नहीं हैं। पेशे से फैशन डिजाइनर रॉय ने दावा किया कि प्रचार के दौरान उन्हें जिस तरह की प्रतिक्रिया मिल रही है, उससे उन्हें यह विश्वास है कि वह तृणमूल की महुआ मोइत्रा को हराकर भारी अंतर से जीत हासिल करेंगी।
ALSO READ: कौन हैं राजमाता अमृता रॉय जिन्‍हें महुआ के सामने उतार कर बीजेपी ने ममता को चौंकाया?
संदेशखाली मामले पर रॉय ने कहा कि ऐसी शर्मनाक घटनाएं राज्य की जमीनी स्थिति को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि अगर वह चुनाव जीतती हैं तो महिलाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य उनका मुख्य केंद्रबिंदु होगा। कृष्णानगर लोकसभा सीट पर चौथे चरण में 13 मई को मतदान होगा। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

भारत विरोधी गतिविधियों का अड्‍डा बना बांग्लादेश, अब हाफिज सईद का करीबी इब्तिसाम ढाका पहुंचा

Nitish Kumar हैं BJP के Puppet, Tejashwi Yadav के बयान से NDA पर क्यों बढ़ा दबाव

Gold : 4,100 रुपए सस्ता हुआ सोना, चांदी में 6,250 रुपए की गिरावट, जानिए क्यों गिर रहे हैं दाम

Tej Pratap Yadav : मेरे ऊपर लालू यादव की छत्रछाया नहीं, तेजस्वी और राहुल गांधी को लेकर क्या बोले तेजप्रताप यादव

SIR के दूसरे चरण के एलान पर भड़का विपक्ष, चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु के साथ मध्यप्रदेश में भी विरोध

अगला लेख