Lok Sabha Elections : कश्मीरी विस्थापितों की कम वोटिंग से BJP निराश, अब बारामुल्ला और अनंतनाग पर जोर

सुरेश एस डुग्गर
गुरुवार, 16 मई 2024 (20:55 IST)
BJP disappointed with low turnout of Kashmiri migrants : जम्मू-कश्मीर में भाजपा को निराशा कश्मीरी विस्थापितों द्वारा कम मतदान करने से भी हुई है। हालांकि अभी बारामुल्ला और अनंतनाग के संसदीय क्षेत्रों के लिए होने वाले मतदान में ये कश्मीरी विस्थापित अहम भूमिका रखते हैं। ऐसे में अब भाजपा का सारा जोर इन संसदीय क्षेत्रों के लिए लगने लगा है।

श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में कश्मीरी प्रवासी मतदाताओं का सबसे कम मतदान भाजपा के लिए अच्छा नहीं रहा है क्योंकि पार्टी पिछले दस वर्षों से विस्थापित समुदाय को एकजुट करने के लिए काम कर रही है। दरअसल पार्टी नेताओं द्वारा साझा किए गए आधिकारिक आंकड़ों के बावजूद, जिन्हें विस्थापित समुदाय की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, पार्टी के अंदरुनी सूत्रों ने गणना की कि केवल 14 प्रतिशत कश्मीरी प्रवासी मतदाता श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र में अपना वोट डालने आए, जिसके लिए मतदान हुआ।
ALSO READ: 1 करोड़ महिलाओं को 'लखपति दीदी' बनाएंगे PM मोदी, जम्मू-कश्मीर में किया ऐलान
भाजपा नेता, जिन्हें प्रवासियों को जुटाने की जिम्मेदारी दी गई थी, दावा कर रहे हैं कि 39 प्रतिशत योग्य कश्मीरी प्रवासी मतदाताओं ने वोट डाले लेकिन वास्तविकता अलग है। रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 1.25 लाख कश्मीरी प्रवासी मतदाताओं ने खुद को कश्मीर में मतदाता के रूप में पंजीकृत कराया था।

भाजपा के एक सूत्र ने कहा कि इन 1.25 लाख योग्य मतदाताओं में से अकेले श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में लगभग 53,000 पंजीकृत कश्मीरी प्रवासी मतदाता हैं। वे कहते हैं कि पार्टी नेताओं की विफलता के कारण केवल 16,000 ने हाल ही में एम फार्म भरकर और अन्य औपचारिकताएं पूरी कर मतदान करने में अपनी रुचि दिखाई है। सोमवार को श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में कुल 53,000 पात्र कश्मीरी प्रवासी मतदाताओं में से केवल 6800 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो सीट पर कुल पात्र मतदाताओं का 12 प्रतिशत से अधिक है।
ALSO READ: लोकसभा चुनाव: कम होता मतदान, किसका नुकसान?
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि भाजपा की ओर से एक विशेष सेल का गठन किया गया है और यह सेल सिर्फ प्रवासी मतदाताओं पर काम कर रहा है। भाजपा के एक सूत्र ने कहा कि कश्मीरी प्रवासी मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सेल के पास एक समर्पित कार्यालय और कर्मचारी थे। उन्होंने कहा कि कम मतदान इस बात का संकेत है कि सेल के सदस्य कश्मीरी प्रवासियों तक पहुंचने में विफल रहे।
ALSO READ: मणिशंकर अय्यर का पाकिस्तान प्रेम, लोकसभा चुनाव में बढ़ी कांग्रेस की मुश्किल
एक अन्य पार्टी नेता ने कहा कि जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में रहने वाले अधिकांश कश्मीरी प्रवासी मतदाता लोकसभा चुनाव में वोट डालने के लिए उत्साहित थे, लेकिन भाजपा के सेल के सदस्य समय पर उन तक पहुंचने में विफल रहे। ऐसा प्रतीत होता है कि सेल के सदस्य केवल अपने समर्पित कार्यालय तक ही सीमित रहे और उन्होंने पार्टी नेताओं को कथित तौर पर बेवकूफ बनाया।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Exit Poll : वोटिंग खत्म होने के बाद RSS मुख्यालय पहुंचे देवेंद्र फडणवीस, मोहन भागवत से की मुलाकात

Exit Poll 2024 : झारखंड में खिलेगा कमल या फिर एक बार सोरेन सरकार

महाराष्ट्र में महायुति या एमवीए? Exit Poll के बाद बढ़ा असमंजस

महाराष्‍ट्र बिटकॉइन मामले में एक्शन में ईडी, गौरव मेहता के ठिकानों पर छापेमारी

BJP महासचिव विनोद तावड़े से पहले नोट फॉर वोट कांड में फंसे राजनेता

अगला लेख