नई दिल्ली। कांग्रेस ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर उसके घोषणापत्र को लेकर झूठ फैलाने का आरोप लगाया और उन्हें यह बताने की चुनौती दी कि घोषणापत्र के किस पन्ने पर 'धन पुनर्वितरण' का उल्लेख किया गया है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस के 'न्याय पत्र' (घोषणापत्र) में विरासत कर का भी कोई उल्लेख नहीं है और यह विषय उसके एजेंडे में ही नहीं है। उन्होंने दावा किया कि विरासत कर भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे में रहा है।
कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने 2021 की जनगणना नहीं करवाई क्योंकि वह आरक्षण खत्म करना चाहती है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री 'असत्यमेव जयते' के प्रतीक हैं और इसी में विश्वास करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस लोगों का धन छीनकर उन लोगों में वितरित करना चाहती है जिनके ज्यादा बच्चे हैं और जो घुसपैठिये हैं।
रमेश ने कहा कि कुछ राज्यों में भाजपा का सफाया होने रहा है, कुछ राज्यों में उनकी सीटों में भारी कमी होने जा रही है। भाजपा परेशान है, प्रधानमंत्री बौखलाए हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने पहले चुनाव को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की और अब वो ऐसी बातें कर रहे हैं जो कांग्रेस के न्याय पत्र में है ही नहीं।
कांग्रेस महासचिव का कहना था कि हमारा का एक सकारात्मक एजेंडा है। हम जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कुछ दिनों से 400 पार का नारा छेड़ दिया और मोदी की गारंटी की बात छोड़ दी। प्रधानमंत्री सरेआम ध्रुवीकरण कर रहे हैं और झूठ फैला रहे हैं। कांग्रेस, हमारे न्याय पत्र और नेताओं को बदनाम करने में लगे हैं।
रमेश ने कहा कि इस न्याय पत्र में विरासत कर का कोई जिक्र नहीं है। विरासत कर हमारा एजेंडा नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1985 में विरासत कर को हटाया था। उन्होंने दावा किया कि विरासत कर भाजपा का एजेंडा है तथा पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली, वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा और भाजपा से जुड़े बुद्धिजीवियों ने इसकी पैरवी की थी।
Edited by : Nrapendra Gupta