Delhi loksabha election : दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के कैंपेन सांग पर रोक लगा दी है। उन्होंने भाजपा पर चुनाव आयोग को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
आतिशी ने कहा कि तानाशाही सरकारों में विपक्षी पार्टियों को प्रचार करने से रोका जाता है। आज यही हुआ है, भाजपा के एक और हथियार, चुनाव आयोग ने इस पत्र के माध्यम से आम आदमी पार्टी के कैंपेन सॉन्ग पर रोक लगा दी है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को भाजपा द्वारा रोज आचार संहिता का उल्लंघन नहीं दिखता लेकिन आम आदमी पार्टी के नेता सांस तक लेते हैं तो नोटिस आ जाते हैं।
उन्होंने कहा कि आप के कैंपेन सांग में कहीं भी भाजपा का जिक्र नहीं है। हमने तानाशाही से लड़ने की बात कही है। इस पर चुनाव आयोग कहता है कि यह रूलिंग पार्टी की आलोचना है। अब तो चुनाव आयोग भी मान रहा है कि BJP तानाशाही कर रही है।
केजरीवाल सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि भाजपा वाले सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करके तानाशाही करें तब EC को कोई दिक्कत नहीं होती है। लेकिन हम इसकी खिलाफत और जिक्र भी करें तो आयोग को इससे दिक्कत होती है। ऐसा पहली बार हुआ होगा, जब चुनाव आयोग ने किसी पार्टी के चुनावी गाने पर रोक लगाई है।
उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी ने 25 अप्रैल को 'जेल का जवाब वोट से' इलेक्शन कैंपेन सांग लांच किया था। पार्टी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनावी मुद्दा बनाया है।
इधर आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए कहा है कि यह कोई इत्तेफाक नहीं है कि जब देश में लोकसभा के चुनाव होने हैं। आचार संहिता लग चुकी हो तब एक झूठे मामले में एक प्रमुख राष्ट्रीय पार्टी के प्रमुख को गिरफ्तार किया जाए। इसके पीछे राजनीतिक साजिश है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के कथित शराब घोटाले की पिछले 2 वर्षों से जाँच चल रही है लेकिन आज तक जाँच एजेंसियाँ 1 सबूत नहीं रख पाई हैं। वहीं इस झूठे मामले में लोकसभा चुनाव से पहले एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रमुख को गिरफ़्तार करना प्रजातंत्र पर हमला करना और निष्पक्ष चुनाव होने से रोकना है।
Edited by : Nrapendra Gupta