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Lok sabha election 2024 : मनोहरलाल खट्टर ने विधायक पद से दिया इस्तीफा, क्या लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे?

पंजाब के राज्यपाल बनाने की भी अटकलें

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

चंडीगढ़ , बुधवार, 13 मार्च 2024 (17:09 IST)
Former Haryana CM Manohar Lal Khattar resigns as BJP MLA : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एमएल खट्टर (Manoharlal Khattar) ने करनाल से आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) लड़ने की अटकलों के बीच बुधवार को राज्य विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की। ये भी खबरें है कि खट्टर को पंजाब का राज्यपाल बनाया जा सकता है। 
 
विधानसभा में करनाल सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले खट्टर ने कहा कि नवनियुक्त मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस निर्वाचन क्षेत्र की देखरेख करेंगे।
 
विधानसभा में नायब सैनी सरकार के विश्वास मत जीतने के तुरंत बाद खट्टर ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफे की घोषणा की। सैनी ने मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में खट्टर की जगह ली थी।
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क्या बोले खट्टर : खट्टर ने कहा कि पिछले साढ़े नौ वर्षों के दौरान मैंने सदन के नेता के रूप में कार्य किया। मैं अपनी आखिरी सांस तक हरियाणा के लोगों की सेवा करूंगा।'
 
सैनी ने की तारीफ : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को राज्य विधानसभा में अपने पूर्ववर्ती मनोहर लाल खट्टर के नौ साल लंबे शासनकाल के दौरान हुए कार्यों के लिए उनकी प्रशंसा की।
 
इससे पहले, सैनी ने राज्य विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान विश्वास मत हासिल करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया।
 
सैनी ने विधानसभा में कहा कि मुख्यमंत्री और सदन के नेता के रूप में यह सदन में उनका पहला दिन है। मुख्यमंत्री ने 2014-2019 के दौरान सदन के सदस्य के रूप में अपने पिछले कार्यकाल को याद भी किया।
 
सैनी ने कहा कि जब मैं 2014-2019 के दौरान विधायक था, तो उस दौरान मुझसे कहा गया था कि मुझे लोकसभा चुनाव लड़ना है। उस समय मैं हरियाणा सरकार में मंत्री था। जब पार्टी की इच्छा थी तब मैंने लोकसभा चुनाव लड़ा। जब पार्टी ने मुझे नयी जिम्मेदारी सौंपी, तो मैं नयी जिम्मेदारी लेने के लिए यहां मौजूद हूं। ’’
 
सैनी ने कहा कि वह एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं और उनके परिवार का कोई भी अन्य सदस्य राजनीति में नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि पार्टी ने मुझे बहुत सम्मान दिया है। जब उन्होंने एक साधारण सदस्य को भाजपा की राज्य इकाई का अध्यक्ष बनाया और फिर मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी। ऐसा केवल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में ही संभव है। ’’
 
सैनी ने पूर्व मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने खट्टर से बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने कहा कि खट्टर के नेतृत्व में हरियाणा ने पूरे देश में एक सुशासन मॉडल पेश किया है और उनकी सरकार में कई विकासात्मक कार्य किए गए हैं।
 
उन्होंने कहा कि मैं उस परिवार से आता हूं, जहां मैंने चुनौतियों से भरा जीवन देखा है और खट्टर भी उसी पृष्ठभूमि से आते हैं। यह भाजपा ही है जिसने एक सामान्य कार्यकर्ता को यह जिम्मेदारी दी। सैनी ने नई जिम्मेदारी सौंपने के लिए पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद भी दिया।
 
सैनी ने खट्टर को 'तपस्वी' करार देते हुए कहा कि उन्होंने पिछले साढ़े नौ वर्षों के दौरान राज्य के लोगों की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
 
मुख्यमंत्री ने कहा, यहां तक कि विपक्ष भी कहता रहा है कि खट्टर की छवि साफ-सुथरी है। सैनी ने आम नागरिकों, विशेषकर गरीब लाभार्थियों के दरवाजे पर विभिन्न सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के बारे में भी बात की।
 
उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार राज्य प्रशासन में पारदर्शिता लायी है। सैनी ने आम जनता के लाभ के लिए कई सरकारी पोर्टल खोलने के लिए खट्टर की सराहना भी की।
सैनी ने कहा कि मनोहर लाल एक 'संत' हैं और उन्होंने हरियाणा को बहुत कुछ दिया है, इसे मजबूत किया है और यह उनकी सोच थी कि कमजोर वर्गों और गरीबों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उनके घर पर पहुंचाया जाए। हरियाणा 14 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद करने वाला देश का पहला राज्य है। 
 
सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' कार्यक्रम शुरू किया था और राज्य में भाजपा सरकार ने कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए इसे एक प्रतिज्ञा के रूप में लिया।
 
मनोहरलाल खट्टर के अचानक से अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद से मंगलवार को इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद भाजपा ने सैनी को हरियाणा का नया मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की।
 
सैनी ने मंगलवार शाम को शपथ लेने के बाद कहा था कि उन्होंने राज्यपाल को 48 विधायकों के समर्थन का एक पत्र सौंपा है और उनसे भाजपा सरकार को सदन में बहुमत साबित करने के लिए बुधवार को विधानसभा सत्र बुलाने का अनुरोध किया है।
 
राज्य में भाजपा-जननायक जनता पार्टी (जजपा) गठबंधन टूटने के संकेतों के बीच यह विश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। हालांकि गठबंधन टूटने को लेकर अब तक औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। इनपुट भाषा 

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