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मोदी बोले, ballot से चुनाव की मांग करने वालों को Supreme Court ने मारा करारा तमाचा

'इंडी' गठबंधन को देश के संविधान और लोकतंत्र की परवाह नहीं

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024 (19:55 IST)
Narendra Modi's target on opposition: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने मतपत्रों से चुनाव कराने की मांग को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) द्वारा खारिज कर दिए जाने का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि यह कांग्रेस नीत गठबंधन 'इंडी' के लिए करारा तमाचा है। मोदी ने अररिया और मुंगेर में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवारों के पक्ष में अलग-अलग चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया।

 
'इंडी' गठबंधन को देश के संविधान और लोकतंत्र की परवाह नहीं : उन्होंने कहा कि राजद-कांग्रेस और 'इंडी' गठबंधन को न देश के संविधान और न ही लोकतंत्र की परवाह है। ये वे लोग हैं जिन्होंने 10 साल तक मतपत्रों के बहाने गरीबों का अधिकार छीना बिहार के लोग साक्षी हैं कैसे राजद-कांग्रेस के शासन में चुनाव में बूथ और मतपत्र लूट लिए जाते थे। इतना ही नहीं गरीबों को वोट डालने के लिए घर से बाहर भी निकलने नहीं दिया जाता था।
 
गरीबों और ईमानदार मतदाताओं को ईवीएम की ताकत मिली : उन्होंने कहा कि देश के गरीबों और ईमानदार मतदाताओं को जब ईवीएम की ताकत मिली तो यह उन लोगों को बर्दाश्त नहीं हुआ, जो चुनाव के दिन वोट लूटने का खेल खेलते थे। प्रधानमंत्री ने विपक्षी गठबंधन इंडिया के खिलाफ हमलावर रुख जारी रखते हुए कहा कि उसके हर नेता ने ईवीएम को लेकर जनता के मन में संदेह पैदा करने का पाप किया है।

 
मतपत्र वाला पुराना दौर वापस नहीं आएगा : लेकिन देश के लोकतंत्र और बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान की ताकत देखिए, आज करीब 2 घंटे पहले ही उच्चतम न्यायालय ने मत पेटियों को लूटने वालों और इसका इरादा रखने वालों को कैसा झटका दिया है। उनके सारे सपने चूर-चूर हो गए हैं। आज उच्चतम न्यायालय ने साफ-साफ कह दिया है मतपत्र वाला पुराना दौर वापस नहीं आएगा।
 
निजी स्वार्थ के लिए ईवीएम को बदनाम करने में लगे : उन्होंने कहा कि आज जब पूरी दुनिया भारत के लोकतंत्र, चुनाव प्रक्रिया और यहां चुनाव में तकनीक के उपयोग की तारीफ कर रही है, तब ये लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए ईवीएम को बदनाम करने में लगे थे। इन्होंने लोकतंत्र के साथ लगातार विश्वासघात करने की कोशिश की है लेकिन आज इन्हीं लोगों को देश की सर्वोच्च अदालत ने करार तमाचा मारा है। 
 
मोदी ने उच्चतम न्यायालय के फैसले की ओर इशारा करते हुए कहा कि आज लोकतंत्र के लिए शुभ और विजय का दिन है। उन्होंने कहा कि 'इंडी' गठबंधन के हर नेता को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। मोदी ने कहा कि आज देश में राजनीति की 2 मुख्य धाराएं बन गई हैं।
 
उन्होंने कहा कि एक धारा भाजपा और राजग की है जिसका मकसद देश के लोगों को सशक्त करना, हर लाभार्थी के दरवाजे तक खुद जाकर लाभ पहुंचाना है। इसके विपरीत दूसरी धारा कांग्रेस और राजद की है जिसका मकसद देश के लोगों से छीनना, उन्हें तरसाकर रखना और खुद की तिजोरी भरना है। 
 
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और राजद ने मिलकर बिहार के करोड़ों लोगों को दाने-दाने का मोहताज बना दिया। किसी के पास खेत-खलियान था तो नौकरी के बदले उसकी जमीन छीन ली, किसी के पास नौकरी थी तो तनख्वाह छीन ली, किसी के पास गाड़ी थी तो गाड़ी छीन ली यही जंगलराज के दिनों का हाल था।
 
मोदी ने कहा कि नीतीश (कुमार) जी और भाजपा के लोगों तथा राजग के सब साथियों ने बड़ी मेहनत कर बिहार को उस जंगलराज से बाहर निकाला पिछले 10 साल में बिहार के लोगों को करीब 50,000 करोड़ रुपए प्रत्यक्ष लाभ हस्तातंरण (डीबीटी) के जरिए सीधे लाभार्थियों के खाते में दिल्ली से हस्तांतरित किए गए।
 
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर ओबीसी (अन्य पिछड़े वर्ग) के लिए दिए गए आरक्षण की चोरी करने और कर्नाटक में मुसलमानों को लाभ हस्तांतरित करने का भी आरोप लगाया। मोदी ने कहा कि देश के बाकी हिस्सों में भी, जहां वह सत्ता में हैं, ऐसा करना चाहती है। उन्होंने दावा किया कि बिहार में उसकी सहयोगी पार्टी राजद ने कर्नाटक में कांग्रेस के इस कदम के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला। मोदी ने कहा कि खुद ओबीसी होने के नाते, मैं पिछड़े वर्गों के सामने आने वाली कठिनाइयों को जानता हूं।

 
उन्होंने कहा कि भविष्य में वे एससी (अनुसूचित जाति) और एसटी (अनुसूचित जनजाति) के आरक्षण में भी कटौती कर उसे अपने वोट बैंक को दे सकते हैं। मोदी ने दावा किया कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए अपनी मंजूरी दी थी।
 
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके पारिस्थितिकी तंत्र ने उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि कांग्रेस के घोषणापत्र पर मुस्लिम लीग की छाप है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं कहता हूं कि देश के संसाधनों पर पहला हक गरीबों का है। कांग्रेस राजद और उनके सहयोगियों का कहना है कि पहला दावा उनके वोट बैंक का है। वे आपकी संपत्ति चुराना चाहते हैं, यहां तक कि महिलाओं के मंगलसूत्र भी चुराना चाहते हैं।
 
मोदी ने अमेरिका में विरासत कर संबंधी कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा की टिप्पणी की ओर इशारा करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस के लोग नहीं चाहते कि आप अपने बच्चों को विरासत में संपत्ति दें। उन्होंने नारा दिया कि कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी जिंदगी के बाद भी।
 
मोदी ने कहा कि इस चुनावी जंग में एक तरफ राजग गठबंधन का मॉडल है, दूसरी तरफ 'इंडी' गठबंधन का मॉडल है। 'इंडी' गठबंधन का मॉडल तुष्टिकरण का है तो हमारा मॉडल है संतुष्टीकरण, हर एक को संतुष्ट करना, कोई छूट न जाए जिसका हक है, उसको उसका हक मिलना चाहिए।

 
उन्होंने कहा कि हमने माता-बहनों को शौचालय, रसोई गैस, बिजली, पानी की सुविधा दी। हमने मुफ्त राशन, मुफ्त बिजली की गारंटी दी और कभी किसी को यह नहीं पूछा कि तुम्हारा धर्म क्या है। तुम मंदिर जाते हो या मस्जिद जाते हो, तुम्हारी जात क्या है। हमने कहा जो इसका हकदार है, उनको सबको मिलेगा और, यही सच्ची धर्मनिरपेक्षिता है, यही सच्चा सच्चा सामाजिक न्याय है। हमने गरीबों के पक्के घर बनाए, लेकिन 'इंडी' गठबंधन अपनी पूरी ताकत सिर्फ और सिर्फ तुष्टिकरण पर लगा रहा है।
 
राहुल गांधी की ओर किया इशारा : कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस के शहजादे देश भर में आपके लिए कितनी बड़ी है मुसीबत लाने लाने वाले हैं यह समझने की जरूरत है। भ्रष्टाचार करके लोगों को तबाह करने वाली कांग्रेस की बुरी नजर अब आपकी संपत्ति पर है।
 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी कहती है कि वह किसानों के घर-जमीन के सर्वे कराएगी और आप पर विरासत टैक्स लगाएगी। वे कहते हैं कि सबका एक्सरे करवाएंगे। हर परिवार का एक्सरे निकालेंगे। उन्होंने कहा कि लोग मरने पर अपनी पूरी संपत्ति अपने बच्चों को देते हैं, कोई लिख करके जाता है या मरने के बाद उनके बच्चों को मिल जाता है, लेकिन कांग्रेस एक ऐसा घोषणा पत्र लेकर आई है, कांग्रेस ने ऐसी घोषणा की है कि आप अपना खेत, खलिहान, घर, दुकान जो आपने मेहनत से बनाया है और जिसके मालिक आप हैं, आप अपने बच्चों को नहीं दे पाएंगे।
 
मोदी ने पहले चरण में सामान्य से कम मतदान की पृष्ठभूमि में स्वस्थ मतदान की आवश्यकता को रेखांकित किया और कहा कि मतदान के दिन प्रचार के दौरान की कटुता को पीछे छोड़कर उत्सव का माहौल होना चाहिए।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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