मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेकर सियासी अटकलों का दौर पूरे उफान पर है। विदिशा लोकसभा सीट से आठ लाख से अधिक वोटों से रिकॉर्ड जीत हासिल करने वाले शिवराज सिंह चौहान की नई भूमिका क्या होगी इसको लेकर अटकलों का दौर तेज है। दिल्ली से लेकर भोपाल तक और भोपाल से लेकर नागपुर तक शिवराज सिंह चौहान के लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है। वहीं सोशल मीडिया से लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी शिवराज सिंह चौहान की नई भूमिका को लेकर कयासबाजी करने में पीछे नहीं है।
मध्यप्रदेश की 18 साल कमान संभालने वाले शिवराज सिंह चौहान विदिशा लोकसभा सीट से रिकॉर्ड जीत के बाद अब केंद्र की राजनीति में सक्रिय होने जा रहे है। दिल्ली की राजनीति में सक्रिय होने वाले शिवराज सिंह चौहान सरकार में नजर आएंगे या संगठन में अब यह बड़ा सवाल है। इन सवालों का विश्लेषण करें इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान शिवराज सिंह के एक बयान पर गौर करना चाहिए।
अब दिल्ली जा रहा हूं, धूमधाम से जा रहा हूं। ये भी सुन लेना खाली पीली सांसद नहीं, पिक्चर अभी बाकी है। बहुत काम करना है अभी।– शिवराज सिंह चौहान (ग्वालियर)
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और विदिशा से चुनाव लड़ रहे शिवराज सिंह चौहान के यह बयान उनकी आगे की सियासत का खूब इशारा करते है। ऐसे में अब सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि शिवराज सिंह चौहान की नई भूमिका क्या होगी। क्या शिवराज सिंह चौहान मोदी 3.0 सरकार में केंद्रीय मंत्री बनेंगे या जेपी नड्डा की जगह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष।
क्या शिवराज सिंह चौहान बनेंगे राष्ट्रीय अध्यक्ष?-भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के दावेदारों में शिवराज सिंह चौहान का नाम सबसे आगे है। शिवराज सिंह चौहान भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे चुके है और मध्यप्रदेश में 18 साल के मुख्यमंत्री रह चुके है, वह एक भाजपा की अंदरुनी राजनीति में एक सर्वमान्य नेता है। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में जिस तरह से भाजपा को झटका लगा और एक बड़ा वोट बैंकं भाजपा से शिफ्ट हुआ उसको लेकर नागपुर से लेकर दिल्ली तक भाजपा के रणनीतिकारों की माथे पर चिंता की लकीरें आ गई है। उत्तरप्रदेश और बिहार में जिस तरह से ओबीसी वर्ग का बड़ा वोट बैंक भाजपा से शिफ्ट हुआ है, उसके बाद संघ अब शिवराज को एक बड़े ओबीसी नेता के तौर पर आगे बढ़ा सकते है।
इसके साथ ही मोदी 3.0 सरकार एक गठबंधन की सरकार है, ऐसे में गठबंधन के दलों में आपसी सांमजस्य बैठाने के लिए एक सर्वमान्य चेहरे की तलाश भी भाजपा को है औऱ शिवराज सिंह चौहान इस भूमिका में एकदम फिट बैठते है। लोकसभा चुनाव के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने दक्षिण के राज्यों में भाजपा के चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी और इस बार भाजपा ने दक्षिण में केरल जैसे राज्यों में भी अपना खाता खोला है, ऐसे मेंं अब शिवराज को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। हलांकि खुद शिवराज सिंह चौहान अपनी नई भूमिका को बारे में कहते है कि विदिशा की जनता ने उन्हें सांसद चुना है और वह सांसद के रूप में काम करेंगे।
शिवराज की नई भूमिका पर कांग्रेस की भी नजर-शिवराज सिंह चौहान की नई भूमिका क्या होगी इस पर अब कांग्रेस की भी नजर है। कांग्रेस की सोशल मीडिया विंग की राष्ट्रीय इंचार्ज सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया पर शिवराज की नई भूमिका को लेकर लिखा कि आज TV पर नरेंद्र मोदी से ज़्यादा तो शिवराज सिंह चौहान छाए हुए हैं,जिस चैनल पर देखो वही नज़र आ रहे हैं। शिवराज OBC हैं, मोदी से 8 साल युवा हैं, खाटी संघी हैं - मोदी सिर्फ़ 1.5 लाख से चुनाव जीते हैं, शिवराज 8.21 लाख से जीते हैं।दिल्ली का मौसम बदल रहा है!। वही मध्यप्रदेश ने आने वाले कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तनखा और कांग्रेस नेता उदित राज भी शिवराज सिंह चौहान की नई भूमिका को लेकर लगातर टीका टिप्पणी कर रहे है।
मोदी 3.0 सरकार में मंत्री बनेंगे शिवराज?- विदिशा लोकसभा सीट से आठ लाख से अधिक वोटों से जीतने वाले शिवराज क्या मोदी 3.0 सरकार में मंत्री बनेंगे यह भी एक बड़ा सवाल है। शिवराज सिंह चौहान जो 18 साल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और उनका एक लंबा प्रशासनिक अनुभव है।ऐसे में शिवराज सिंह चौहान मोदी सरकार में शामिल होकर किसी बड़े मंत्रालय की कामकाज संभालते नजर आ सकते है। शिवराज सिंह चौहान जिस तरह से अपनी चुनावी सभाओं में लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य को साकार करने की बात कहते नजर आए उनसे उनके विजन को आसानी से समझा जा सकता है।