प्रमुख प्रतिद्वंद्वी : साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (भाजपा), दिग्विजय सिंह (कांग्रेस)
कांग्रेस ने भोपाल में 1952 से 1977 तक लगातार जीत हासिल की है। जबकि 1989 से यहां भाजपा भी लगातार विजयी रही है। वर्ष 1989 से 1999 तक 4 बार यहां से भाजपा के सुशीलचंद्र वर्मा सांसद रहे। कांग्रेस विरोधी लहर के चलते 1977 में जनता दल के आरिफ बेग यहां से जीते तो 1980 में शंकरदयाल शर्मा दो बार लोकसभा पहुंचे।
मुख्य रूप से कांग्रेस और भाजपा के बीच हो रहे इस बार के चुनाव को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर भाजपा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर यह अपना पहला चुनाव लड़ रही हैं।
Constituency |
Bhartiya Janata Party |
Congress |
Others |
Status |
Balaghat |
Dhal Singh Bisen |
Madhu Bhagat |
- |
BJP Wins |
Betul(ST) |
Durgadas Uike |
Ramu Tekam |
- |
BJP Wins |
Bhind(SC) |
Sandhya Rai |
Dewasish Jararia |
- |
BJP Wins |
Bhopal |
Sadhvi Pragya Singh Thakur |
Digvijaya Singh |
- |
BJP Wins |
Chhindwara |
Shri Natthan Shah |
Nakul Nath |
- |
Congress Wins |
Damoh |
Prahlad Patel |
Pratap Singh Lodhi |
- |
BJP Wins |
Dewas |
Mahendra Solanki |
Pralhad singh Tipania |
- |
BJP Wins |
Dhar(ST) |
Chattar Singh Darbar |
Dinesh Girwal |
- |
BJP Wins |
Guna |
Dr. K.P. Yadav |
Jyotiraditya Scindia |
- |
BJP Wins |
Gwalior |
Vivek Sejwalkar |
Ashok Singh |
- |
BJP Wins |
Hoshangabad |
Rao Udai Pratap Singh |
Shailendra Diwan |
- |
BJP Wins |
Indore |
Shankar Lalwani |
Pankaj Sanghavi |
- |
BJP Wins |
Jabalpur |
Rakesh Singh |
vivek Tankha |
- |
BJP Wins |
Khandwa |
Nand Kumar Singh Chouhan |
Arun Yadav |
- |
BJP Wins |
Khajuraho |
Bishnu Datt Sharma |
Smt Kavita Singh W/O Natiraja |
- |
BJP Wins |
Khargone(ST) |
Gajendra Patel |
Dr. Govind Muzaalda |
- |
BJP Wins |
Mandla(ST) |
Faggan Singh Kulaste |
Kamal Maravi |
- |
BJP Wins |
Mandsour |
Sudhir Gupta |
MS Meenakshi Natarajan |
- |
BJP Wins |
Morena |
Narendra Singh Tomar |
Shri Ram Niwas Rawat |
- |
BJP Wins |
Rajgarh |
Roadmal Nagar |
Smt. Mona Sustani |
- |
BJP Wins |
Ratlam(ST) |
GS Damor |
Kantilal Bhuria |
- |
BJP Wins |
Rewa |
Janardan Mishra |
Siddharth Tiwari |
- |
BJP Wins |
Sagar |
Raj Bahadur Singh |
Prabhusingh Thakur |
- |
BJP Wins |
Satna |
Ganesh Singh |
Raja Ram Tripathi |
- |
BJP Wins |
Shahdol |
Himadri Singh |
Smt Pramila Singh |
- |
BJP Wins |
Sidhi |
Riti Pathak |
Ajay Singh Rahul |
- |
BJP Wins |
Tikamgarh(SC) |
Virendra Kumar Khateek |
Smt Kiran Ahirwar |
- |
BJP Wins |
Ujjain(SC) |
Anil Firojiya |
Babulal Malviya |
- |
BJP Wins |
Vidisha |
Ramakant Bhargav |
Shailendra Patel |
- |
BJP Wins |
परिचय : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की स्थापना 11वीं शताब्दी में परमार राजा भोज ने की थी। इसे नवाबों के शहर और झीलों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। सर्राफा चौक, मोती मस्जिद, ताज उल मस्जिद, गौहर महल और एक से बढ़कर एक स्थापत्य के नमूने इस शहर की समृद्ध विरासत और संस्कृति की शानदार मिसाल हैं। पर्यटन की दृष्टि से भी भोपाल का विशेष महत्व है।
जनसंख्या : 2011 की जनगणना के अनुसार भोपाल की जनसंख्या 18 लाख है। हालांकि एक अनुमान के मुताबिक भोपाल की जनसंख्या 23 लाख से ज्यादा है।
अर्थव्यवस्था : भोपाल में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) का एक कारखाना है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ने यहां अपना दूसरा 'मास्टर कंट्रोल फ़ैसिलिटी' भी स्थापित किया है। भोपाल में भारतीय वन प्रबंधन संस्थान भी है, जो भारत में वन प्रबंधन से जुड़ा एकमात्र संस्थान है। पर्यटन की दृष्टि से भी भोपाल का विशेष महत्व है। यह भारत के पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक है।
भौगोलिक स्थिति : भोपाल भारत के मध्य भाग में स्थित है और यह विंध्य पर्वत श्रृंखला के पूर्व में है। यह एक पहाड़ी इलाके पर स्थित है, किंतु इसका तापमान अधिकतर गर्म रहता है। इसका भू-भाग ऊंचा-नीचा एवं इसके दायरे में कई छोटे पहाड़ हैं। भोपाल नगर निगम की सीमा 289 वर्ग किलोमीटर है।
16वीं लोकसभा में स्थिति : भाजपा नेता आलोक संजर सोलहवीं लोकसभा के सांसद हैं। 1952 से 1977 तक यहां कांग्रेस ने लगातार जीत हासिल की। 1989 से यहां से भाजपा लगातार चुनाव जीत रही है।
लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो 1957 में यहां से कांग्रेस की मैमूना सुल्तान सांसद चुनी गईं। उन्हें 1962 में भी कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में जीत मिली। इसके बाद 1967 में यहां से भारतीय जनसंघ के जेआर जोशी जीते लेकिन 1971 में शंकरदयाल शर्मा ने यह सीट फिर कांग्रेस की झोली में डाल दी। कांग्रेस विरोधी लहर के चलते 1977 में जनता दल के आरिफ बेग यहां से जीते तो 1980 में शंकरदयाल शर्मा दो बार लोकसभा पहुंचे। वर्ष 1984 में कांग्रेस के केएन प्रधान सांसद बने।
इस सीट पर 1989 से भाजपा का कब्जा है। वर्ष 1989 से 1999 तक चार बार यहां से भाजपा के सुशीलचंद्र वर्मा सांसद रहे। साल 1999 में यहां से भाजपा की उमा भारती सांसद चुनी गईं। वर्ष 2004 में भाजपा ने यहां से कैलाश जोशी पर दांव खेला, जो 2014 तक भोपाल के सांसद रहे।
मध्यप्रदेश के बारे में : मध्यप्रदेश में लोकसभा की कुल 29 सीटें हैं। यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। दोनों ही पार्टियां सभी 29 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। दिग्विजय सिंह, अजय सिंह, नकुलनाथ, प्रज्ञा ठाकुर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, नंदकुमार चौहान, अरुण यादव जैसे दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। 2014 के चुनाव में भाजपा को 27 और कांग्रेस को 2 सीटें मिली थीं। झाबुआ-रतलाम सीट कांग्रेस ने उपचुनाव में जीती थी।