बीके हांडिक को मिला प्रमोशन

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वरिष्ठ कांग्रेसी नेता बिजॉय कृष्ण हांडिक को कैबिनेट का दर्जा देकर उन्हें उनका बहुप्रतीक्षित पुरस्कार दिया गया है।

असम के जोरहाट संसदीय क्षेत्र से लगातार छह बार सांसद रहे हांडिक को नेहरू-गाँधी परिवार का वफादार माना जाता है। वह उन नेताओं में से हैं, जो कभी विवादों में नहीं रहे। पिछली सरकार में हांडिक संसदीय मामलों के राज्यमंत्री थे।

हांडिक (74) का कैबिनेट में शामिल होना एक अन्य दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पूर्वोत्तर के वे एकमात्र ऐसे प्रतिनिधि हैं, जिन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।

असम के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद तथा गुवाहाटी विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति दिवंगत कृष्णकांत हांडिक के एकमात्र पुत्र बीके हांडिक अपने शुरुआती दिनों में ही कांग्रेस में शामिल हो गए और पहली बार 1972 में विधायक बने।

हांडिक इसके बाद 1980 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। इंदिरा गाँधी के शासनकाल के दौरान उन्होंने कांग्रेस की सेवा विभिन्न पदों पर रह कर की।

कांग्रेस नेता पहली बार जोरहाट से 1991 में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। इसके बाद वे 1996, 1998, 1999, 2004 तथा हालिया संपन्न लोकसभा चुनाव में अपनी परंपरागत जोरहाट सीट से विजयी रहे।

वर्ष 2004 में उन्हें पहली बार रक्षा राज्यमंत्री नियुक्त किया गया। 2006 में उन्हें रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में भेज दिया गया ।-भाषा

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