पिकनिक से करें प्रेम में इजाफा

लव-मंत्र

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मानसी

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हैलो दोस्तो! वसंत का मौसम आपके स्वागत में खड़ा है और आपको खुशी का पैगाम दे रहा है। इस मौसम का लुत्फ उठाना भी एक सुहाना-सा लव-मंत्र है। कहते हैं, वसंत ऋतु प्रेम की भावना को बहुत ही कोमल और सुंदर बना देती है। प्यार का प्रतीक और मसीहा का दर्जा पानेवाले इस मौसम में अपने साथी के साथ पिकनिक का प्रोग्राम बनाकर आप भी अपने प्रेम में इजाफा कर सकते हैं।

खुशगवार मौसम में सारी चिंताओं को किनारे रखकर साथ-साथ पाँच-छह घंटे गुजारना बहुत ही सही फैसला होगा। अव्वल तो इस कार्यक्रम को बनाने के विचार मात्र से ही आप इससे मिलने वाली खुशी के अहसास से भर उठते हैं। इस कार्यक्रम को बनाने के समय से ही आपकी पिकनिक शुरू हो जाती है। आनेवाली खुशी की उम्मीद में जीना किसे अच्छा नहीं लगता है? कोई भी खूबसूरत सा स्थान आप चुन सकते हैं।

आसपास की पहाड़ी, पार्क, झील और बाग जैसी कोई भी जगह हो, वहाँ सुकून से पाँच-छह घंटे गुजार सकते हैं। अगर आप लोगों में से कोई उस जगह से पूर्व परिचित है तो और भी अच्छी बात है वरना नया स्थान तलाश कर सकते हैं।

  संगीत का इंतजाम तो जरूर करना चाहिए क्योंकि संगीत में वह शक्ति है जो सारी चिंताओं को परे रखकर अपना मीठा सुरूर सारे माहौल पर बिखेर देता है।      
खुशी का अहसास हमारे नजरिए से जुड़ा हुआ होता है। कई बार हम किसी स्थान के बारे में बहुत कुछ सुनकर अपेक्षाकृत अधिक आकांक्षा पाल लेते हैं और अपनी उम्मीद से कम सुविधाजनक माहौल पाकर हम निराश हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में पिकनिक शुरू करने के पहले ही मन में यह धारणा बैठा लेते हैं कि यहाँ कम मजा आएगा। किसी भी स्थान को खुशनुमा माहौल में बदलना हमारे हाथ में होता है। एक-दूसरे को कोसने और उलाहना देने के बजाय खूब जोश के साथ अपने तय कार्यक्रम की शुरुआत कर देनी चाहिए।

ऐसे मौके पर उस साथी की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है जो खुशमिजाज और मजाकिया है। अच्छा मूड बनाने के लिए सबसे अच्छा है कि कोई शेर, जोक या फिर तारीफ के अंदाज के गाने गाए जाएँ। संगीत का इंतजाम तो जरूर करना चाहिए क्योंकि संगीत में वह शक्ति है जो सारी चिंताओं को परे रखकर अपना मीठा सुरूर सारे माहौल पर बिखेर देता है। एक बार वातावरण हलका-फुलका और जीवंत हो उठता है तो प्यार की भावना सारी दिक्कतों को जादू की तरह छूमंतर कर देती है। ऐसी पिकनिक में सबको मिलजुकर काम करना चाहिए। युवकों को खासकर ज्यादा सक्रिय होने की जरूरत है।

नयापन का अहसास तभी होता है, जब भूमिका बदली हुई हो। युवक जब खाने-पीने की चीजें संभालने लगते हैं तो पिकनिक में खूब जान आ जाती है। नई भूमिका में आकर वे खूब सतर्क और उत्साही हो जाते हैं।

युवतियों को आराम मिलता है और उन्हें खुशी का दुगुना अहसास भी होता है। पतंग उड़ाना, स्केच बनाने की कोशिश करना, खरगोश के पीछे भागना, कविता-कहानी पढ़कर सुनाना, साथ-साथ झूले-झूलना, मिलकर नया पकवान बनाना, गाना-गाना, नकल करना जैसी कई क्रियाएँ हैं जिनसे आप अपने पिकनिक को नया आयाम व अंदाज दे सकते हैं। ऐसी ताजगी के बाद प्यार की ताकत के साथ-साथ हमें अपनी अन्य मंजिलों को पाने का हौसला भी मिलता है। इस बार बस इतना ही। अगली बार हम एक नए लव-मंत्र के साथ हाजिर होंगे।
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