प्यार के लिए दोनों ओर से पहल जरूरी

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फेसबुक के जरिये अजीत की नताशा से फ्रेंडशिप हुई। आर्थिक रूप से दोनों आत्मनिर्भर हैं। अच्छी सर्विस करते हैं। अजीत तो उस लड़की को उसका फोटो देखकर और व्यक्तित्व के कारण चाहने लगे हैं। लेकिन नताशा अभी अजीत से मिलने से भी कतराती ह ै, क्योंक ि उसका एक हाथ का पंजा नहीं है। बचपन में किसी दुर्घटना में उनकी सारी अंगुलियां जल गई थीं।

अजीत को नताशा की इस कमजोरी की बिल्कुल परवाह नहीं करता और खुले विचारों का है। लेकिन नताशा अपने प्यार को सहानुभूति का आधार नहीं देना चाहतीं। जबकि अजीत का मानना है कि उसकी दोस्त कमजोरी नहीं बल्कि उनकी ताकत होगी। वह उसे अपने जीवन में लाना चाहते हैं।

दुनिया के बने-बनाए पैमाने की परवाह किए बिना अपने मन पर विश्वास करने की हिम्मत और इन सबसे बढ़कर, अपने साथी के लिए अपार श्रद्धा, इज्जत और समाज के सामने उसे सम्मान दिलाने की दिली तमन्ना। हर कोई अपने प्रेमी में इन्हीं चीजों को ढूँढ़ता है पर आज की दुनिया में ये विरले ही मिलते हैं।

अजीत को समझ नहीं आ रहा है कि आगे क्या कदम उठाएँ। वह ऐसे दोस्त को छोड़ भी नहीं सकते। उनकी ‍दुविधा यह है कि स्वयं को नताशा के लिए किस जगह रखें। एक दोस्त की जगह या प्रेमी की तरह?

ऐसी स्थिति में अजीत को भी एक दोस्त की तरह पेश आना चाहिए। अभी प्यार का इजहार करने के लिए बीता हुआ समय नाकाफी है। अभी तो बस आपने उसकी जो छवि बनाई है, वह है एक प्यारी दोस्त की जो आपको समझती है और जो अपनी शारीरिक कमी के कारण इस दुनिया का पूरा मजा नहीं ले पा रही है इसलिए आप उसे संपूर्णता का अहसास कराना चाहते हैं।

अजीत आपकी जो भावना है, मन की सच्चाई और पवित्रता है उसकी जितनी भी सराहना की जाए कम है। वैसे देखें तो सच्चे प्यार का जो आधार होना चाहिए वह आपकी दोस्ती में है। आप थोड़ा और इंतजार करें ‍ताकि नताशा भी आपको अपने जीवन में वह स्थान दे सके जो आपने उन्हें दिया है।
- विशाल

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