तीखा होता प्‍यार का इजहार

चॉकलेट डे पर वि‍शेष

अरुंधती आमड़ेकर
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रूठी गर्लफ़्रेंड को मनाना हो तो चॉकलेट, प्‍यार का इजहार करना हो तो फूलों के साथ चॉकलेट गि‍फ्ट, रोते बच्‍चे को हसाना हो तो चॉकलेट... देखा कि‍तने मर्जों की दवा है चॉकलेट। लेकि‍न सोचि‍ए अगर हमें तीखी चॉकलेट खि‍लाई जाती तो? सोचि‍ए अगर कोई पूछता कि‍ क्‍या आप चॉकलेट पीना पसंद करेंगे? तो क्‍या होता...प्‍यार का इजहार शायद फि‍र कुछ तीखा हो गया होता। बहुतों को शायद चॉकलेट पसंद ही नहीं होती। चॉकलेट शायद इसीलि‍ए इतनी हि‍ट है क्‍योंकि‍ वो स्‍वीट है।

चॉकलेट का इति‍हास

' चॉकलेट' इस शब्‍द के बारे में बहुत से तथ्‍य हैं। कुछ के अनुसार यह शब्‍द मूलत: स्‍पैनि‍श भाषा का शब्‍द है। ज्‍यादातर तथ्‍य बताते हैं कि‍ चॉकलेट शब्‍द माया और एजटेक सभ्‍यताओं की पैदाइश है जो मध्‍य अमेरि‍का से संबंध रखती हैं। एजटेक की भाषा नेहुटल में चॉकलेट शब्‍द का अर्थ होता है खट्टा या कड़वा।

चॉंकलेट की प्रमुख सामग्री केको या कोको के पेड़ की खोज 2000 वर्ष पूर्व अमेरि‍का के वर्षा वनों में की गई थी। इस पेड़ की फलि‍यों में जो बीज होते हैं उनसे चॉकलेट बनाई जाते है। सबसे पहले चॉकलेट बनाने वाले लॉग मैक्‍सि‍को और मध्‍य अमेरि‍का के थे।

1528 में स्‍पेन ने जब मैक्‍सि‍को पर कब्‍जा कि‍या तो वहाँ का राजा भारी मात्रा में कोको के बीजों और चॉकलेट बनाने के यंत्रों को अपने साथ स्‍पेन ले गया। जल्‍दी ही स्‍पेन में चॉकलेट रईसों का फैशनेबल ड्रिंक बन गया।

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इटली के एक यात्री फ्रेंसि‍स्‍को कारलेटी ने सबसे पहले चॉकलेट पर स्‍पेन के एकाधि‍कार को खत्‍म कि‍या। उसने मध्‍य अमेरि‍का के इंडि‍यंस को चॉकलेट बनाते देखा और अपने देश इटली में भी चॉकलेट का प्रचार प्रसार कि‍या। 1606 तक इटली में भी चॉकलेट प्रसि‍द्ध हो गई।

फ्रांस ने 1615 में ड्रिंकिंग चॉकलेट का स्‍वाद चखा। फ्रांस के लोगों को यह स्‍वास्‍थ्‍य की दृष्टि‍ बहुत लाभदायक पदार्थ लगा। इंग्‍लैंड में चॉकलेट की आमद 1650 में हुई।

अभी तक लोग चॉकलेट को पीते थे। एक अंग्रेज डॉक्‍टर सर हैंस स्‍लोने ने दक्षि‍ण अमेरि‍का का दौरा कि‍या और खाने वाली चॉकलेट की रेसि‍पी तैयार की। सोचि‍ए एक डॉक्‍टर और चॉकलेट की रेसि‍पी। कैडबरी मि‍ल्‍क चॉकलेट की रेसि‍पी इन्‍हीं डॉक्‍टर ने बनाई।

आपको जानकार आश्चर्य होगा की पहले चॉकलेट तीखी हुआ करती थी और पी जाती थी। अमरि‍का के लोग कोको बीजों को पीसकर उसमें वि‍भि‍न्‍न प्रकार के मसाले जैसे चि‍ली वॉटर, वनीला, आदि‍ डालकर एक स्‍पाइसी और झागदार तीखा पेय पदार्थ बनाते थे।

चॉकलेट को मीठा बनाने का श्रेय यूरोप को जाता है जि‍सने चॉकलेट से मि‍र्च हटाकर दूध और शक्‍कर डाली। चॉकलेट को पीने की चीज से खाने की चीज भी यूरोप ने ही बनाया।

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