दिल टूटना सिर्फ अहसास नहीं हकीकत है!

वेबदुनिया ब्यूरो

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प्यार में दिल टूटने को अब तक महज रूमानी, भावनात्मक या फिर साहित्यिक घटना ही मानी जाती रही है। अभी तक मेडिकल साइंस ने इसके बायोलॉजिकली या फिजिकली घटने की पुष्टि नहीं की थी, लेकिन प्रोसेडिंग्स ऑफ द नेशनल अकेडमी ऑफ साइंस में प्रकाशित एक अध्ययन में इस बात का जिक्र किया गया है कि दिल टूटना महज भावनात्मक घटना नहीं है, बल्कि इसके शारीरिक प्रभाव भी आँके गए हैं।

इस अध्ययन में 40 ऐसे युवाओं का अध्‍ययन किया गया जिनका हाल ही में रोमांटिक ब्रेकअप हुआ है। इसके लिए उनके दिमाग का एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) किया गया।

इसमें पाया गया कि जब वे अपने एक्स पार्टनर का फोटो देखते हैं और अपने ब्रेकअप के बारे में सोचते हैं या हाथ में दर्द महसूस करते हैं तो ठीक वैसा ही महसूस होता है, जैसा कॉफी का गर्म कप हाथ में लिया हुआ हो। दोनो ं ह ी स्थितियों में दिमाग का वही हिस्सा सक्रिय होता है, इस हिस्से को पहले ही दर्द को इंगित करने के लिए पहचान ा गय ा है ।
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