Chandra grahan date and time 2023 in india: धरती सूर्य का सीधा और चंद्रमा धरती का उल्टा चक्कर लगा रहा है। जब चंद्रमा और सूर्य के बीच धरती आ जाती है तो धरती की छाया चंद्रमा पर पड़ती है जिससे चंद्रमा दिखाई देना बंद हो जाता है। इसे ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। अभी 20 अप्रैल को वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण था और अब चंद्र ग्रहण लगने वाला है।
चंद्र ग्रहण 2023 | Chandra grahan 2023:
1. पहला चंद्र ग्रहण : 5 मई 2023 शुक्रवार के दिन रात्रि 8:45 पर पहला चंद्र ग्रहण लगेगा जो उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। यह ग्रहण रात्रि 1 बजे समाप्त होगा। संभव है कि यह भारत में दिखाई नहीं देगा।
उपच्छाया से पहला स्पर्श काल- रात्रि 08:45 पर।
परमग्रास चंद्रग्रहण काल- रात्रि 10:53 पर।
उपच्छाया से अंतिम स्पर्श काल- रात्रि 01:00 बजे।
उपच्छाया की कुल अवधि- 04 घंटे 15 मिनट्स 34 सेकंड
उपच्छाया चंद्रग्रहण का परिमाण- 0.95
कहां दिखाई देगा: एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, हिन्द महासागर, प्रशान्त महासागर, अटलान्टिक महासागर एवं अन्टार्कटिका में दिखाई देगा।
2. दूसरा चंद्र ग्रहण : 29 अक्टूबर 2023 रविवार के दिन रात्रि 01:06 पर दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा जो खंडग्रास चंद्र ग्रहण होगा। यह ग्रहण रात्रि 02:22 पर बजे समाप्त होगा। (28 तारीख की रात्रि यानी 01:06 एएम से 02:22 एएम तक)
सूतक काल के नियम : हालांकि सूतक काल में घर पर रहना चाहिए। सूतक काल में खाना नहीं बनाना चाहिए। ग्रहण के बाद स्नान कर पूजा करनी चाहिए। भोजन और पानी में तुलसी डालकर ही उनका उपयोग करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को खासतौर पर नियमों का पालन करना चाहिए। इस दौरान शुभ कार्य वर्जित होते हैं। चंद्र ग्रहण के वक्त सूतक काल 9 घंटे पूर्व आरंभ होता है, जबकि सूर्य ग्रहण के दौरान 12 घंटे पहले होता है।
चंद्र ग्रहण के उपाय- Chandra grahan 2023 ke upay:-
1. चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद मीठे चावल बनाकर कौवे को खिलाने से नौकरी संबंधी परेशानी दूर होती है। इससे राहु, केतु और शनि के दोष भी दूर होते हैं।
2. कुंडली में चंद्र ग्रहण दोष हैं तो चावल, दूध, दही, सफेद वस्त्र, मिठाई आदि दान करें।
3. ग्रहण के बाद काली गाय के घी का दीपक बनाकर अखंड ज्योत जलाने से आर्थिक समस्या दूर होती है।
4. दरिद्रता से मुक्ति हेतु ग्रहण के बाद स्नान कर जरूरतमंद लोगों को काला कंबल और भोजन का दान करें।
5. चंद्र ग्रहण के दिन एक ताला खरीकर लाएं और उस बंद ताले को ग्रहण की रात चांद के सामने रख दें। अगले दिन ताले को किसी मंदिर में दान कर दें।