चंद्र ग्रहण 5 May 2023 को है, कब होगा, कहां होगा और कितनी देर तक इसका प्रभाव रहेगा... जानिए काम की बातें 
 
 			
 
 			
					
			        							
								
																	
	 
	1. चंद्र ग्रहण 5 May 2023 को है, कब होगा, कहां होगा और कितनी देर तक इसका प्रभाव रहेगा... 
	 
	2. चंद्रमा जब धरती की छाया से ढक जाता है तो उसे चंद्र ग्रहण कहते हैं। 
	 
	चंद्र ग्रहण 2023 :कब, कहां और कितनी देर? 
	 
	3.5 मई 2023 शुक्रवार के दिन रात्रि 8:45 पर पहला चंद्र ग्रहण लगेगा। 
	 
	4.यह उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। यानी यह आंशिक चंद्र ग्रहण रहेगा। ग्रहण रात्रि 1 बजे समाप्त होगा।
								
								
								
										
			        							
								
																	
	 
	5. चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पूर्व इसका सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। 
	 
	6. उपच्छाया से पहला स्पर्श काल- रात्रि 08:45 पर।
	 
	7. परमग्रास चंद्रग्रहण काल- रात्रि 10:53 पर।
	 
	8. उपच्छाया से अंतिम स्पर्श काल- रात्रि 01:00 बजे।
	 
	9. उपच्छाया की कुल अवधि- 04 घंटे 15 मिनट्स 34 सेकंड
	 
	10. एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, पूर्वी अमेरिका, हिन्द महासागर, प्रशान्त महासागर, अटलान्टिक महासागर एवं अन्टार्कटिका में दिखाई देगा। 
	11. चंद्र ग्रहण को बिना किसी टेलिस्कोप या उपकरण के देख सकते हैं।
	 
	12. ग्रहण भारत, पाकिस्तान, नेपाल, मॉरीशस और सिंगापुर में भी दिखाई देगा। 
	 
	13. भारत में यह नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, हैदराबाद एवं पुणे में नजर आएगा।
	 
	ग्रहण के बाद और ग्रहण के दौरान क्या करें 
	 
	14. ग्रहण के मोक्ष के बाद तीर्थ में गंगा, जमना, रेवा (नर्मदा), कावेरी, सरजू अर्थात किसी पवित्र नदी, तालाब, बावड़ी इत्यादि में स्नान करना चाहिए। 
	 
	15. ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान कर नए कपड़े पहनें फिर कुछ दान करें।
	 
	16. चंद्र ग्रहण के दौरान और बाद में चंद्रमा से संबंधित मंत्रों का जाप करना चाहिए।
	 
	17. यदि यह संभव न हो तो घर के जल में तीर्थ जल डालकर स्नान करें। स्नान के पश्चात देव-पूजन करके, दान-पुण्य करें व ताजा भोजन करें। 
	 
	18. ग्रहण या सूतक के पहले बनी वस्तुओं में तुलसी दल या कुशा डालकर रखना चाहिए। 
	 
	19. घर में खुशनुमा माहौल बनाए रखने के लिए तुलसी के पौधे के पास दीपक जरूर जलाना चाहिए।
	 
	20. घर के मंदिर में पांच सफेद सामग्री अर्पित करें। 
	21. ग्रहण खत्म होने के बाद पूरे घर में गंगाजल डालकर शुद्धि करें।
	 
	22. ग्रहण खत्म होने पर घर के पास मौजूद किसी मंदिर में पूजा कर दान करें।
	 
	23. ग्रहण खत्म होने पर गाय को रोटी खिलाने से अच्छा फल प्राप्त होता है।
	 
	24. मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए ग्रहण खत्म होने के बाद इन्द्र देव की पूजा करने का भी विधान है।
	 
	25. ग्रहण की नकारात्मकता का तेज बहुत अधिक होता है, इसलिए उनसे बचाव के लिए सावधानियां एवं नियम एवं दान-पुण्य करना आवश्यक होता है।
	चंद्र ग्रहण में रखें ये सावधानियां 
	 
	26. स्नान के बाद कपड़े व बालों को न निचोड़ें। 
	 
	27. दातून न करें। 
	 
	28. कठोर व कड़वे वचन (बोल) न बोलें। 
	 
	29. घोड़ा, हाथी जैसे किसी पशु की सवारी न करें। 
	 
	30. ग्रहण काल में वस्त्र न फाड़ें, कैंची का प्रयोग न करें, घास, लकड़ी एवं फूलों को न तोड़ें।
	 
	31. गाय, बकरी एवं भैंस का दूध दोहन न करें। 
	 
	32. शयन व यात्रा न करें। 
	 
	33. यदि तीर्थ स्थान का जल न हो तो किसी पात्र में जल लेकर तीर्थों का आवाहन करके सिर सहित स्नान करें। 
	चंद्र ग्रहण के मंत्र 
	 
	1. ॐ सों सोमाय नमः।
	 
	2. ॐ चं चंद्रमस्यै नम:।
	 
	3. श्वेत: श्वेताम्बरधर: श्वेताश्व: श्वेतवाहन:।
	गदापाणि द्विर्बाहुश्च कर्तव्यो: वरद: शशि:।।
	 
	4. दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम ।
	नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।
	 
	5. ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।।
	 
	6. ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।
	 
	7. ॐ भूर्भुव: स्व: अमृतांगाय विद्महे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमो प्रचोदयात्।
	 
	8. ॐ शीतांशु, विभांशु अमृतांशु नम:।
	 
	9. ॐ ऐं क्लीं चंद्रदेवाय नमः।
	 
	10. ॐ श्रां श्रीं श्रोक्तं चंद्रमसे नम:'
	 
	चंद्र ग्रहण के दान :
	मोती, सोना, चांदी, चावल, मिश्री, दही, सफेद कपड़ा, सफेद फूल, शंख, कपूर, सफेद बैल, सफेद चंदन