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07 सितंबर 2025 को होगा खग्रास चंद्रग्रहण, देश-दुनिया पर होगा प्रभावी

खग्रास चंद्रग्रहण 07 सितंबर को, जानें सूतक और मोक्ष का समय

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पं. हेमन्त रिछारिया

, गुरुवार, 4 सितम्बर 2025 (10:30 IST)
Chandra Grahan 2025: हिन्दू परंपरा में ग्रहण का महत्वपूर्ण स्थान है। जैसा आप सभी को विदित है ग्रहण दो प्रकार के होते हैं- सूर्यग्रहण एवं चंद्रग्रहण। सूर्यग्रहण एवं चंद्रग्रहण भी मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं- खग्रास और खंडग्रास। जब ग्रहण पूर्णरूपेण दृश्यमान होता है तो उसे 'खग्रास' एवं जब ग्रहण कुछ मात्रा में दृश्यमान होता है तब उसे 'खंडग्रास' कहा जाता है, किन्तु जब ग्रहण बिल्कुल भी दृश्यमान नहीं होता तो उसे 'मान्द्य चंद्रग्रहण' कहा जाता है।ALSO READ: Lunar eclipse 2025: चंद्र ग्रहण: वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण और उपाय
 
खग्रास व खंडग्रास ग्रहण का समस्त द्वादश राशियों पर व्यापक प्रभाव माना जाता है किन्तु 'मान्द्य' ग्रहण का जनमानस पर कोई व्यापक प्रभाव नहीं होता, जब ग्रहण निवासरत स्थान में दृश्यमान नहीं होता तब ग्रहण यम-नियम आदि वहां के निवासियों पर प्रभावी नहीं होते।
 
आगामी 07 सितंबर 2025 भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा, दिन रविवार को खग्रास चंद्रग्रहण होगा। यह खग्रास चंद्रग्रहण सम्पूर्ण भारतवर्ष सहित अन्य देशों में भी दृश्यमान होगा। सम्पूर्ण भारत में दृश्यमान होने के कारण इसके यम-नियम सूतक इत्यादि सम्पूर्ण भारत के निवासियों पर प्रभावी होंगे। 
 
इस खग्रास चंद्रग्रहण का सूतक भारतीय समयानुसार अपरान्ह 12 बजकर 57 मिनट से प्रारंभ होगा। ग्रहण की विरल छाया प्रवेश रात्रि 08:58 से एवं स्पर्श रात्रि 09:57 पर होगा। इस चंद्रग्रहण का सम्मिलिन रात्रि 11.01 मि. पर, मध्य रात्रि 11:42 मि. पर एवं उन्मीलन रात्रि 12:23 मि. पर होगा। ग्रहण का मोक्ष मध्यरात्रि 01 बजकर 27 मि. पर होगा एवं विरल छाया निर्गम मध्यरात्रि 02 बजकर 25 पर होगा।ALSO READ: Lunar Eclipse 2025: खग्रास चंद्र ग्रहण के दिन बचकर रहना होगा 6 राशियों को
 
यह खग्रास चंद्रग्रहण मेष, वृषभ, धनु राशिवाले जातकों के लिए सुखद एवं शुभफलदायी रहेगा शेष राशि वाले जातकों के लिए यह ग्रहण कष्टप्रद एवं अशुभफलदायक रहेगा। ग्रहण काल में साधकों व श्रद्धालुओं को जप, तप, दान, भजन-कीर्तन एवं यथोचित साधना करना श्रेयस्कर रहेगा।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र

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