मध्यप्रदेश में विधानसभा की सियासत जोरों पर है। भाजपा और कांग्रेस तो एक दूसरे पर वार कर ही रहे हैं, लेकिन अब पार्टी के भीतर ही ऐसे ऐसे वाकये हो रहे हैं कि जनता हंस हंसकर लोटपोट हो रही है। इतना ही नहीं, अब कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच कपड़े फाड़ने वाले वाक्ये में दिग्विजय की शेर ओ शायरी की भी एंट्री हो गई है।
क्या है पूरा मामला?
तो दिग्विजय सिंह के कपड़े फाड़ दीजिए
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने किसी एक भाषण के दौरान मंच से कहा कि अगर दिग्विजय सिंह आपकी बात भी ना सुने तो उनके कपड़े फाड़ दीजिए।
इसके बाद भोपाल में आयोजित कमलनाथ की प्रेसवार्ता में दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ को कहा कि साइन तो पीसीसी चीफ के होते है तो कपड़े किसके फटने चाहिए? दोनों ने एक-दूसरे पर हंसी मजाक के अंदाज में ये बातें कहीं। दिग्विजय सिंह ने कहा कि शंकर का काम है विष पीना तो पीएंगे। इसके जवाब में कमलनाथ ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने खुद कहा कि वो तो पहले से ही विष पीते आए हैं आगे भी पीना पड़ेगा।
अब दिग्विजय सिंह ने मारा शेर
इस पूरी राजनीतिक हंसी मजाक को दोनों के बीच की खींचतान भी माना जा रहा है। मामले में विवाद बढ़ता देख दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब परिवार बड़ा होता है तो सामूहिक सुख और सामूहिक द्वंद्व दोनों होते हैं। समझदारी यही कहती है कि बड़े लोग धैर्यपूर्वक समाधान निकालें। नर्मदे हर.
इसके बाद आज दिग्विजय ने एक ट्वीट भी किया, उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा— बे-तकल्लुफ़ वो औरों से हैं, नाज़ उठाने को हम रह गए!
मुझे लड़ने का शौक और हार का डर नहीं- कमलनाथ
कमलनाथ ने पहले चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जाहिर की थी मगर बाद में जब उनका नाम छिंदवाड़ा से सामने आ गया तो इस मामले में उन्होंने सफाई भी दे दी। कमलनाथ ने कहा कि मुझे चुनाव लड़ने का कोई शौक नहीं है, लेकिन कुछ लोग यह भ्रम फैला रहे थे कि वे डर की वजह से चुनाव छोड़कर भाग रहे हैं। इसी भ्रम को तोड़ने के लिए उन्होंने कहा कि वे लड़ने को तैयार है।
संगठन की रजामंदी से ज्वाइन कराई कांग्रेस
इसके साथ ही बीजेपी और अन्य दलों को छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले नेताओं को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्पष्टीकरण दे दिया है। उन्होंने कहा है कि जहां पर कांग्रेस संगठन रजामंदी दी है वहीं पर दूसरे दलों से आए नेताओं को कांग्रेस ज्वाइन कराई गई है। उन्होंने यह भी कहा कि कई स्थानों पर संगठन ने सहमति नहीं दी, जिसके बाद कांग्रेस में आना चाह रहे नेताओं को रोक दिया गया है। कांग्रेस ज्वाइन करने का फैसला संगठन ही ले रहा है।
Edited By : Navin Rngiyal