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मैं युवा नहीं हूं... और इंदिरा जी चेहरे पर मुस्कान तैर गई

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कमलेश सेन

Political Stories: यूं तो भारत में 55 साल का नेता भी खुद को युवा ही समझता है, लेकिन कभी-कभी अति उत्साह में व्यक्ति कुछ नादानियां कर बैठता है, जो हंसी का सबब बन जाती है। कुछ ऐसा ही एक प्रसंग इंदौर में घटित हुआ था। वर्ष 1970 में इंदौर में युवक कांग्रेस द्वारा बापू मेले का आयोजन किया गया था। इस मेले में राष्ट्रपति वीवी गिरी भी आए थे। दूसरे दिन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी का भी आगमन हुआ था। 
 
श्रीमती गांधी के स्वागत में तोरण द्वार लगाए और जोरदार स्वागत हुआ। बापू मेले के साथ नगर कांग्रेस द्वारा युवक कांग्रेस के संभागीय सम्मलेन का आयोजन किया गया था, जिसका उद्घाटन श्रीमती गांधी द्वारा किया गया था। 
 
श्रीमती गांधी जब मंच पर आई तो मंच संचालन कर रहे सज्जन ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा की देश की युवा प्रधानमंत्री को हम अपने बीच पाकर प्रसन्न हैं। उनकी इस बात पर इंदिरा गांधी भी उन्हें देखने लग गईं और उनके चेहरे पर मुस्कराहट भी आ गई। 
 
जब वे अपना उद्बोधन देने आईं तो सर्वप्रथम उन्होंने कहा की मेरी उम्र 53 वर्ष है। साथ ही उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की दिल्ली बैठक में यह तय हुआ है की 30 वर्ष की उम्र को 'युवा' होने की परिभाषा में माना जाए। मंच पर बैठे प्रदेश के मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल और अन्य प्रदेश के नेताओ के साथ स्थानीय नेता यह सुनकर दंग रह गए।
 
सभा में कुछ समय के लिए सन्नाटा छा गया था। खुद को युवा समझने वाले उम्रदराज नेता बगलें झांकने लगे। इस सभा से श्रीमती गांधी ने युवा की परिभाषा से कई युवा नेता कहलाने वालो का पद मान ही बदल दिया था।
Edited by: Vrijendar Singh Jhala
 

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