MP Chunaav Results 2023 : शिवराज सिंह के इन मंत्रियों को मिली चुनाव में हार, नरोत्‍तम मिश्रा-कमल पटेल समेत ये नेता हैं शामिल

Webdunia
सोमवार, 4 दिसंबर 2023 (01:32 IST)
Madhya Pradesh Assembly Election Results : मध्य प्रदेश में रविवार को भाजपा ने विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत दर्ज करते हुए अपनी चमक बिखेरी, लेकिन गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल के 12 मंत्री जीत से दूर रहे। निर्वाचन आयोग के अनुसार, प्रदेश की 230 विधानसभा सीट में से भाजपा के उम्मीदवार 163 सीट जीत चुके हैं। वहीं कांग्रेस ने 66 सीट पर जीत दर्ज की है। भारत आदिवासी पार्टी के खाते में एक सीट गई है।
 
भाजपा मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखने के साथ ही अपने विधायकों की संख्या बढ़ाने में सफल रही। वहीं शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल के 12 मंत्री पराजित हो गए हैं। राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र भारती से 7742 वोटों से हार का सामना करना पड़ा है।
 
जिन अन्य प्रमुख मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा उनमें अटेर से अरविंद भदोरिया, हरदा से कमल पटेल और बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन शामिल हैं। इनके अलावा हारने वाले मंत्रियों में बड़वानी से प्रेम सिंह पटेल, बमोरी से महेंद्र सिंह सिसोदिया, बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, ग्वालियर ग्रामीण से भारत सिंह कुशवाह, अमरपाटन से रामखेलावन पटेल, पोहरी से सुरेश धाकड़ और परसवाड़ा से रामकिशोर कावरे शामिल हैं।
 
एक अन्य मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह लोधी को खरगापुर से हार का सामना करना पड़ा। भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी, जो कि सिंधिया की वफादार उम्मीदवार भी हैं, डबरा से कांग्रेस के सुरेश राजे से 2,267 वोटों से हार गईं।
ALSO READ: Assembly Election Results 2023 : भाजपा की तीनों राज्यों में सफलता का राज, क्यों फेल हो गई कांग्रेस की रणनीति
सतना से भाजपा के मौजूदा सांसद गणेश सिंह कांग्रेस के डब्बू सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा से 4,041 वोटों से हार गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, कांग्रेस के कमलनाथ और पूर्व मंत्री रामनिवास रावत उन प्रमुख चेहरों में से हैं, जो राज्य चुनाव में विजयी हुए हैं।
ALSO READ: मध्यप्रदेश, राजस्‍थान, छत्तीसगढ़ में भाजपा को प्रचंड बहुमत, कांग्रेस के 'पंजे' ने KCR से छीनी जीत
एक चुनाव अधिकारी ने बताया कि चौहान ने टीवी अभिनेता से कांग्रेस नेता बने विक्रम मस्तल शर्मा को हराकर 1,04,974 वोटों के अंतर से अपनी बुधनी सीट बरकरार रखी। चौहान छठी बार बुधनी सीट से जीते। उन्होंने अपना पहला चुनाव 1990 में बुधनी से जीता था और अगले वर्ष विदिशा निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार संसद सदस्य के रूप में चुने गए थे।
ALSO READ: इंदौर में BJP ने किया कांग्रेस का सूपड़ा साफ, 9 सीटों पर दर्ज की जीत
भाजपा शासित राज्य में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले और मामा और पांव-पांव वाले भैया के नाम से मशहूर चौहान को इस बार पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में पेश नहीं किया गया। हालांकि माना जा रहा है कि उन्होंने मौजूदा सत्ता विरोधी लहर को मात देने के लिए 'लाडली बहना' जैसी ‘गेम-चेंजर योजनाएं’ शुरू करके स्थिति को सत्तारूढ़ दल के पक्ष में मोड़ दिया।
ALSO READ: लाड़ली बहना योजना या चला मोदी का जादू, MP में किसने दिलाई भाजपा को जीत?
मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदार केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बलवीर सिंह दंडोतिया को 24,461 वोटों से हराकर जीत हासिल की। शीर्ष पद के लिए एक अन्य प्रमुख विजेता और दावेदार केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल हैं, जिन्होंने कांग्रेस के लाखन सिंह पटेल को हराकर नरसिंहपुर विधानसभा सीट से 31,310 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
 
मुख्यमंत्री पद के एक अन्य संभावित उम्मीदवार, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर-1 सीट से मैदान में उतारा गया, जो उनके लिए कठिन मानी जा रही थी, लेकिन इंदौर जिले की विभिन्न सीटों से चुनाव जीतने के अपने ट्रैक रिकॉर्ड को कायम रखते हुए विजयवर्गीय ने कांग्रेस के उम्मीदवार और मौजूदा विधायक संजय शुक्ला को हराकर इंदौर-1 सीट 57,939 वोटों से हासिल की।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने अपने गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा से भाजपा के विवेक बंटी साहू को 36,594 वोटों से हराकर जीत हासिल की, लेकिन पार्टी की हार और उसके खराब प्रदर्शन ने उनकी जीत की सारी चमक फीकी कर दी।

8 प्रतिशत अधिक मत : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को लगभग 48.55 प्रतिशत वोट मिले जो कांग्रेस की तुलना में आठ प्रतिशत अधिक है। इस बढ़त की बदौलत भाजपा ने न केवल 163 सीट पर जीत दर्ज की है बल्कि मध्य प्रदेश की द्वि-ध्रुवीय राजनीति में अपनी स्थिति भी पहले से मजबूत कर ली है।
 
भाजपा को 163 सीटों के साथ लगभग 48.55 प्रतिशत वोट मिले, जबकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत 40.89 (2018) के मुकाबले लगभग 40.40 ही रहा और कुल सीटों की संख्या 114 से घटकर 66 हो गई।
 
हालांकि करीब आठ प्रतिशत मतों की बढ़त ने भाजपा को 2018 में 109 सीटों से 2023 में 163 सीटों पर पहुंचा दिया। 2003 में, भाजपा को 42.50 प्रतिशत वोट मिले थे और वह 173 सीटों पर विजयी हुई थी, जबकि कांग्रेस को 31.6 प्रतिशत वोट मिले थे और उसने 38 सीट पर कब्जा किया था। इसी तरह, 2008 में भाजपा का वोट प्रतिशत 143 सीटों के साथ 37.64 था जबकि कांग्रेस का 71 सीटों के साथ 32.39 प्रतिशत था।
 
2013 में भाजपा को 44.88 फीसदी वोट के साथ 165 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को 36.38 फीसदी वोट के साथ 58 सीटें मिलीं। 2018 में भाजपा को 41.02 प्रतिशत वोट मिले और उसे 109 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को 40.89 प्रतिशत वोट मिले और उसे 114 सीटें मिलीं। (एजेंसियां) फोटो सौजन्‍य : यूएनआई
Edited By : Chetan Gour 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

क्‍या फिर से होगी CUET UG परीक्षा, NTA ने दिया यह जवाब...

कर्नाटक में बढ़ रहे डेंगू के मामले, भाजपा नेता ने की सरकार से यह मांग

राहुल गांधी पर जमकर बरसे शिवराज, लगाया यह आरोप...

Bihar : तेजस्वी यादव ने एक और पुल ढहने का किया दावा, अधिकारी ने दिया यह बयान...

Hathras Stampede : क्‍या भगदड़ मामले में स्वयंभू भोले बाबा से होगी पूछताछ, न्यायिक आयोग ने दिया यह जवाब...

सभी देखें

नवीनतम

राजस्थान सरकार में हुआ विभागों का बंटवारा, जानिए किसे क्‍या मिला?

छत्तीसगढ़ में मंत्रियों को मिले विभाग, मध्य प्रदेश में अभी भी इंतजार

मोहन के मंत्री तय, 18 कैबिनेट, 6 स्वतंत्र प्रभार, 4 राज्य मंत्रियों ने ली शपथ

मिलान से मेवात आईं, अशोक गहलोत के मंत्री को दी पटखनी, कौन हैं नौक्षम चौधरी?

राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा किस दिन लेंगे शपथ? तारीख आ गई सामने

अगला लेख
More