एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत उज्जैन दक्षिण से विधायक मोहन यादव को मध्य प्रदेश का नया मुख्यमंत्री बनाया गया है। यादव को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का करीबी माना जाता है। यादव 2013 में विधायक बने थे और शिवराज मंत्रिमंडल में मंत्री थे। शिवराज सिंह ने मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव रखा।
छत्तीसगढ़ की तरह यह नाम भी चौंकाने वाला है। क्योंकि यादव का नाम कहीं भी चर्चा में नहीं था। शिवराज सिंह चौहान, प्रह्लाद पटेल, नरेन्द्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चल रहा था, लेकिन ऐन मौके पर पार्टी ने मोहन यादव का नाम घोषित कर सबको चौंका दिया।
2 डिप्टी सीएम होंगे : छत्तीसगढ़ की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी 2 डिप्टी सीएम होंगे। शिवराज कैबिनेट के सदस्य एवं मल्हारगढ़ से विधायक बने जगदीश देवड़ा और राजेन्द्र शुक्ला डिप्टी सीएम होंगे। नरेन्द्र सिंह तोमर विधानसभा अध्यक्ष होंगे।
इससे पहले भाजपा के तीन केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक से पहले मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री का फैसला करने के लिए सोमवार को भोपाल पहुंचकर पार्टी विधायकों और कोर समिति के सदस्यों से बातचीत की।
भाजपा कार्यालय के बाहर नारेबाजी : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, ओबीसी मोर्चा के प्रमुख के लक्ष्मण और सचिव आशा लाकड़ा सहित केंद्रीय पर्यवेक्षक सुबह करीब साढ़े 11 बजे विशेष विमान से भोपाल पहुंचे। राज्य भाजपा मुख्यालय में कोर कमेटी की बैठक हुई, जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल और कैलाश विजयवर्गीय मौजूद थे। कोर कमेटी की बैठक के बाद तस्वीरें खींची गईं। इस बीच, चौहान, तोमर, पटेल और विजयवर्गीय के समर्थक पार्टी मुख्यालय के बाहर जमा हो गए और अपने-अपने नेताओं के पक्ष में नारे लगाए गए।
भाजपा कार्यालय को फूलों से सजाया : भाजपा ने 17 नवंबर को संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखी। 230 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 163 सीट जीतीं, जबकि कांग्रेस 66 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। राज्य भाजपा कार्यालय को फूलों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पोस्टरों के साथ सजाया गया और जगह-जगह पर 'मप्र के मन में मोदी, देश के मन में मोदी' के नारे लिखे गए हैं।