कांग्रेस में टिकट बंटवारे में नहीं चलेगी बड़े नेताओं की सिफारिश, सर्वे पर ही तय होंगे विधायकों के टिकट

विकास सिंह
शनिवार, 29 अप्रैल 2023 (15:29 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे है,वैसे-वैसे टिकट के दावेदारों की संख्या बढ़ती जा रही है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही टिकट के दावेदारों की संख्या बढ़ती जा रही है। दरअसल मध्यप्रदेश में कांग्रेस इस बार ऐसे विधायकों को टिकट नहीं देना चाहती है जो बगावती तेवर के हैं। कांग्रेस स्थानीय स्तर पर नेताओं की रायशुमारी और सर्वे के आधार पर टिकट तय करने की तैयारी में है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने साफ किया है कि इस बार कोई भी टिकट दबाव या सिफारिश पर नहीं दिया जाएगा। टिकट देने से पहले स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से चर्चा की जाएगी और उसी आधार पर विधायक का भविष्य तय होगा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ साफ कर चुके है कि टिकट देने से पहले स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से चर्चा की जाएगी और उसकी आधार पर टिकट तय होगा। वहीं वर्तमान विधायकों के कामकाज का रिव्यू भी स्थानीय नेताओं से लिया जाएगा। मीडिया से बातचीत में कमलनाथ ने साफ किया कि किसी भी दबाव या सिफारिश के आधार पर विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया जाएगा।

कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस के सभी नेता लोगों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। कांग्रेसी नेता लोगों की इच्छा के खिलाफ नहीं जा सकते। कमलनाथ ने आगे कहा कि पहले की तरह नेताओं द्वारा विश्वासघात की कोई संभावना नहीं है।

दरअसल कांग्रेस को 2020 वाला डर सता रहा है जब सिंधिया के साथ बड़ी संख्या में विधायकों ने पाला बदल कर भाजपा का दामन थाम लिया था और कमलनाथ सरकार को गिरा दिया था। ऐसे में इस बार पार्टी किसी भी ऐसे व्यक्ति पर दांव नहीं लगाना चाहती है जिसकी निष्ठा  पर कोई संदेह है। कांग्रेस में टिकट बंटवारे में कई ऐसे वर्तमान कांग्रेस विधायक आ सकते है जो अपनी ही पार्टी को यदाकदा कठघरे में खड़ा करते आए है।

विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही कांग्रेस में सर्वे और स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं से रायशुमारी ही उम्मीवारों के टिकट पर अंतिम मोहर लगाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने टिकट के दावेदारों  को साफ कर दिया है कि स्थानीय स्तर से सर्वे में जिस उम्मीदवार का नाम निकलकर आएगा, उसको ही टिकट दिया जाएगा। कांग्रेस की सर्वे की रणनीति का एकमात्र मकसद जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूती करना है। 

इसके साथ सर्वे के जरिए कमलनाथ प्रदेश में जिलों और अंचल के हिसाब से स्थानीय मुद्दों की  तलाश कर रहे है जिसके सहारे पार्टी उन को चुनावी मुद्दा बना सके और चुनाव स्थानीय मुद्दों पर ही लड़ा जा सके। इसके लिए कमलनाथ विंध्य, महाकौशल, मालवा और ग्वालियर-चंबल में अलग-अलग सर्वे एजेंसियों से सर्वे करा रहे है। कमलनाथ सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर पार्टी की चुनावी रणनीति तैयार कर रहे है और जिले-जिले जाकर कार्यक्रम कर रहे है।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Maharashtra : शिंदे ने शंकाओं को किया दूर, देवेंद्र फडणवीस का रिएक्शन आया सामने

संभल हिंसा को लेकर पुराना वीडियो वायरल, गलत दावे के साथ किया जा रहा शेयर

मजाक बनकर रह गई प्रक्रिया, वक्फ बोर्ड संसदीय समिति से बाहर निकले विपक्षी सांसद, 1 घंटे बाद वापस लौटे

PAN 2.0 Project : कैसे बनेगा नया पैन कार्ड, कितनी लगेगी फीस, आखिर सरकार क्यों लाना चाहती है नया प्रोजेक्ट, सारे सवालों के जवाब

CM of Maharashtra : कैसे मान गए शिंदे, इतनी आसानी से क्यों दे दी CM की कुर्सी, क्या है पर्दे के पीछे की कहानी

सभी देखें

नवीनतम

राजस्थान सरकार में हुआ विभागों का बंटवारा, जानिए किसे क्‍या मिला?

छत्तीसगढ़ में मंत्रियों को मिले विभाग, मध्य प्रदेश में अभी भी इंतजार

मोहन के मंत्री तय, 18 कैबिनेट, 6 स्वतंत्र प्रभार, 4 राज्य मंत्रियों ने ली शपथ

मिलान से मेवात आईं, अशोक गहलोत के मंत्री को दी पटखनी, कौन हैं नौक्षम चौधरी?

राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा किस दिन लेंगे शपथ? तारीख आ गई सामने

अगला लेख