नर्मदा उद्गम :- यहां नर्मदा के उद्गम पर पवित्र मंदिर है जहां तीर्थयात्रियों की कतारें लगी रहती हैं। नर्मदा का उद्गम एक कुंड से और सोन नदी का उद्गम एक पर्वत से हुआ है।
सोनमुडा :- यह सोन नदी का उद्गम है। अमरकंटक के जर्रे-जर्रे में नर्मदा और सोन की असफल प्रेम कहानी की अनुगूंज सुनाई देती है।
भृगु कमंडल :- यहां एक प्राचीन कमंडल है जो हमेशा पानी से भरा रहता है।
धूनी पानी :- यहां घने जंगल में गर्म पानी का सोता देखा जा सकता है। यह पानी औषधीय गुणों से संपन्न होने के कारण इस पानी से स्नान करने से शरीर के असाध्य रोग ठीक हो जाते हैं।
दुग्धधारा :- यह 50 फीट ऊंचा प्रपात है जो दूध की तरह सफेद दिखाई देता है। जल जब ऊंचाई से गिरता है, तब दूध की तरह सफेद दिखाई देता है।
कपिलधारा :- यह बेहद खूबसूरत पिकनिक स्थल है और यहां जल प्रपात भी है। यह अमरकंटक का प्रसिद्ध झरना है। यहीं पर नर्मदा नदी लगभग 100 फुट की ऊंचाई से गिरती है। यहां कभी कपिल मुनि भी निवास करते थे।
माई की बगिया :- यहां मंदिर के साथ-साथ एक खूबसूरत बगीचा है। अमरकटंक के मंदिरों की संख्या 24 हैं। कबीरा चौरा, भृगु कमण्डल और पुष्कर बांध भी देखने योग्य हैं। घाटों में बसे अमरकंटक के ग्राम में भव्य शिखरों वाले मंदिर और कई धर्मशालाएं हैं।
कबीर चबूतरा : इस स्थल पर संत कबीर ने कई वर्ष बिताए थे। यह स्थल दो महान संत गुरुनानक देव और संत कबीर का मिलनस्थल होने से सिख और कबीरपंथियों दोनों के लिए विशेष महत्वपूर्ण है
कहां ठहरें : - मध्यप्रदेश पर्यटन निगम के होटल, विश्राम गृह, नगर पंचायत की धर्मशाला एवं कई अन्य धर्मशालाएं तथा आश्रम भी हैं।
कब पहुंचे :- पूरे वर्ष में आप कभी भी यहां जा सकते हैं।
कैसे पहुंचे : - रेल- दक्षिण-पूर्व रेलवे के कटनी-बिलासपुर रेल मार्ग पर पेन्ड्रा रोड (42 किमी) निकटतम रेलवे स्टेशन हैं।
सड़क- अमरकंटक के लिए बिलासपुर, शहडोल, कटनी, रीवा, इलाहाबाद, मंडला, सिवनी, रायपुर एवं जबलपुर से सीधी बस सेवा उपलब्ध है।
वायु सेवा- जबलपुर (228 किमी) एवं रायपुर (230 किमी) निकटतम हवाई अड्डे हैं। जबलपुर का हवाई अड्डा आजकल बंद है ।