खरगोन के बिस्टान थाने में पुलिस की कथित पिटाई से एक आदिवासी मौत मामले में सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। सरकार ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश देते हुए इस मामले में 4 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि खरगोन के बिस्टान थाने में आदिवासी बिशन की मौत बेहद पीड़ादायक है। इस मामले में जांच के बाद कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा। निष्पक्ष जांच के लिए बिस्टान थाने के एक एसआई, एक प्रधान आरक्षक, दो आरक्षक सहित जिला जेल अधीक्षक गिरधारी लाल औसारी को निलंबित किया गया है।
गौरतलब है कि खरगोन के बिस्टान थाने में पुलिस की कथित पिटाई से एक आदिवासी की मौत के बाद मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ था। लूट के आरोपी आदिवासी भील बिशन की मौत के बाद गुस्साई भीड़ ने थाने पर पथराव करने के साथ-साथ पुलिस की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की थी। उग्र भीड़ से बचने के लिए पुलिसकर्मियों को जान बचाकर थाना छोड़कर भागना पड़ा था। पथराव में 3 पुलिसकर्मियों को चोट भी आई थी।
वहीं पुलिस पिटाई से आदिवासी की मौत के मामले में कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस ने पूरे मामले की जांच के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ के नेतृत्व में 4 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है। वहीं कांग्रेस नेता अरुण यादव ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पुलिस की तालिबानी प्रताड़ना के शिकार आदिवासी बिशन की पोस्टमार्टम के समय की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं।
वहीं कांग्रेस के आरोपों पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस लाशों पर ओछी राजनीति नहीं करे। सरकार ऐसी घटनाओं पर कड़ा एक्शन लेती है।