धार जिले के धरमपुरी में 304 करोड़ की लागत से बन रहे कारम बांध के पहली ही बारिश मे बहने के बाद अब सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्माणाधीन कारम बांध में हुई लापरवाही को लेकर लिया बड़ा एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर आठ अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले बांध निर्माण से जुड़ी दो कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है।
कारम बांध में जांच रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने पी जोशी अधीक्षण यंत्री जल संसाधन, विजय कुमार जत्थाप उपयंत्री, अशोक कुमार उपयंत्री, दशाबंता सिसोदिया उपयंत्री, आरके श्रीवास्तव उपयंत्री,सीएस घटोले मुख्य अभियंता, बीएल निनामा कार्यपालन यंत्री और वकार अहमद सिद्धकी एसडीओ को निलंबित कर दिया है।
क्या हुई कार्रवाई?- धार जिले के धरमपुरी तहसील में मध्यम सिंचाई परियोजना के तहत 304 करोड़ की लगात से बना रहा निर्माणाधीन कारम बांध पहली बारिश में ही फूट गया था। कारम बांध में आई दरार से 18 गांव के लोगों को रातों-रात विस्थापित करना पड़ा था और स्थानीय प्रशासन के साथ सेना को बचाव कार्य जुटना पड़ा था।
इसके साथ 304 करोड़ से बने कारम बांध ने एक बार फिर मध्यप्रदेश के बहुचर्चित 3 हजार करोड़ के ई टेंडर घोटाले को सुर्खियों में ला दिया था। दरअसल तीन हजार करोड़ के ई टेंडर घोटाले की एक निशानी भी कारम बांध भी है। कारम बांध में भ्रष्टाचार की बात को खुद विधानसभा में सरकार ने स्वीकार की थी। कारम बांध परियोजना को लेकर भी ईओडब्ल्यू ने कमलनाथ सरकार के समय प्रकरण दर्ज किया था, लेकिन सरकार बदलते ही जांच ठंडे बस्ते में चली गई।
कोठीदा में कारम मध्यम सिंचाई परियोजना को लेकर भष्टाचार के आरोप में स्थानीय स्तर पर कई बार लगाए गए। किसानों ने बांध निर्माण को लेकर हुए सर्वे को लेकर भी सवाल उठाए थे। कोठीदा बांध बनने से गुजरी-धामनोद सहित जिले के धरमपुरी, मनावर और खरगोन जिले की महेश्वर तहसील के 42 गांवों में 10500 हेक्टेयर क्षेत्र में दाब युक्त सूक्ष्म प्रणाली से सिंचाई होगी।