नीमच जिले की एक पंचायत ऐसी भी है, जहां अधिकाश लोग सरकारी रिकॉर्ड के मान से एक ही दिन जन्मे हैं। यह पंचायत है पालसोड़ा जो जिला मुख्यालय से मात्र 15 किमी दूर स्थित है। पालसोड़ा पंचायत में पालसोड़ा गांव के साथ देवपुरा, फतह नगर, जेतपुरिया और भोपालगंज शामिल है।
इस पंचायत की आबादी 7000 है और इस पंचायत में 4000 मतदाता हैं। गांव के रहवासी पूरणसिंह राजपूत ने बताया कि पंचायत के अस्सी प्रतिशत आधार कार्ड में जन्म तारीख 1 जनवरी लिखी हुई है और यह कारनामा आधार कार्ड बनाने वाली एजेंसी का है, जिसका परिणाम यह है कि आधार कार्ड में दी गई जानकारी दूसरे दस्तावेजों से मेल नहीं खाती जिसके चलते ग्रामीणों को आधार कार्ड से मिलने वाली कोई भी सुविधा नहीं मिल पा रही है क्योंकि आधार कार्ड की जन्म तारीख किसी भी दस्तावेज से मेल नहीं खाती जिसके चलते न तो इनके पैनकार्ड और दूसरे दस्तावेज बन पा रहे हैं और न ही शासकीय सुविधाओं का लाभ मिल पा रहा है।
गांव के ही समरथ सेन का कहना है कि आधार कार्ड में डली यह जन्म तारीख सरकारी विभाग की मनमर्जी का परिणाम है। विभाग ने अपनी मर्जी से सभी ग्रामीणों की जन्म तारीख 1 जनवरी कर दी सबसे खास बात यह है कि इस गलती को सुधारने के लिए ग्रामीणों को महीने में एक बार लगने वाले कैम्प में आना होता है, लेकिन उस कैम्प में इतनी भारी भीड़ होती है कि यदि गांव से ग्रामीण जिला मुख्यालय आ भी जाएं तो उनका नंबर नहीं लग पाता जबकि होना यह चाहिए कि प्रशासन को इसी गांव में कैम्प करके एकसाथ इन हजारों आधार कार्ड को दुरुस्त करना चाहिए।
इस मामले में जब हमने सहायक प्रबंधक ई- गवर्नेंस, नीमच कमलेश प्रजापति से बात की तो उनका कहना था कि जब यह आधार कार्ड बने होंगे तब मांगे गए दस्तावेजों में वोटर आईडी दिया गया होगा जिसमें केवल जन्म का वर्ष लिखा होगा। ऐसे में कम्प्यूटर बाई डिफाल्ट 1 जनवरी तारीख ले लेता है। ये वोटर आईडी पुराने बने होंगे। उन्होंने यह भी कहा की इसके लिए ग्रामीणों को आधार कार्ड सेंटर पर आना होगा और इसको सुधारने में 48 घंटे से एक सप्ताह लग सकता है।