भोपाल। आनंद सागर की रामायण में हनुमान का किरदार निभाने वाले एक्टर विक्रम मस्ताल छिंदवाड़ा में कांग्रेस में शामिल होने के बाद प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर बरसे। पीसीसी में मीडिया से बात करते हुए विक्रम मस्ताल ने कहा कि विकास के बडे-बडे बैनर पोस्टर देखे होंगे, विकास के बडे़-बड़े विज्ञापन, फिल्में भी देखी होगीं और आजकल विकास की बडी-बडी बातें तो आप सुन ही रहे होंगे। यदि सचमुच आपको विकास देखना है तो छिंदवाडा में देखिए। क्योंकि छिंदवाड़ा में विकास की बात नहीं होती, विकास करके दिखाया जाता हैं। मीडिया से बात करते हुए विक्रम मस्ताल ने कहा कि उन्होंने विकास का छिंदवाड़ा मॉडल देखकर कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया है।
अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि जब छिंदवाडा आया तो मुझे लगा जैसें मैं किसी मेट्रो शहर में आ गया हूं। चाहे स्कूल की बात हो, चाहे अस्पताल की बात हो, आदिवासी भाई बहनों के सम्मान की बात हो, युवाओं के रोजगार की बात हो या फिर सडकें हों, हर मामले में छिंदवाड़ा सबसे आगे हैं।
भाजपा पर बोला हमला-विक्रम मस्ताल ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि आप सब जानते हैं बीजेपी ने एक नया एप लांच किया है जिसके बारे में अगर आप नही जानते हैं तो बताता हूं बहुत कमाल का ऐप है, जिसका नाम है मूकएप जिसका अर्थ होता है साईलेंस। जो भी व्यक्ति जन सामान्य की समस्याओं को उठाता है, उनके हित की बात करता है उसके मुंह को बंद करने का प्रयास किया जाता है चाहे वह आम व्यक्ति हो, कोई नेता हो या अभिनेता।
उन्होंने बताया कि मेरे गांव में एक तालाब है जिसमें दरारें भी आ गई है और कई नहरे भी कई वर्षों से कच्ची है। मैंने जब इस बारे में संबंधित अधिकारी से कहा कि बांध की मरम्मत करा दीजिए हर वर्ष बहुत पानी बर्बाद होता है। वो पानी अगर किसान के खेत तक जाएगा, तो दो पैसे किसान के घर तक जाएंगे। कहीं ऐसा ना हो धार के कारम बांध टूटने वाली घटना हमारे यहां भी हो जाए। पर अधिकारियों ने मेरी एक नहीं सुनी। किसी ने मुझसे कहा कि सीएम हेल्पलाईन पर कॉल कर लो बड़ी योजना है, मैंने भी कॉल लगा दिया 181 पर, शिकायत एक तल से दूसरे तल, दूसरे से तीसरे तल पर जाती रही पर मेरी समस्या का निराकरण नही हुआ। मुझ पर शिकायत वापस लेने के लिए दबाव भी डाला गया। जब मैंने शिकायत वापस नही ली तो मेरे नंबर को ब्लाक कर दिया गया।
आईफा अवार्ड का किया जिक्र-विक्रम मस्ताल ने कहा कि कमलनाथ की सरकार के समय जब आईफा अवार्ड मप्र में आ रहा था तो सारे कलाकार बहुत खुश थे। हमें लग रहा था एक नये सूरज का उदय हो रहा है, मप्र में कोई तो है जिसने हम कलाकारों के बारे में सोचा। जब मुंबई-हैदराबाद में साथी कलाकार मुझसे कहते थे कि आपके मप्र में आईफा अवार्ड हो रहा है तो सुनकर मेरा सीना गर्व से चौडा हो जाता था।
उन्होंने आगे बताया कि आईफा सिर्फ एक अवार्ड नही है, उसके माध्यम से देशभर के फिल्म डायरेक्टर, प्रोडयूसर यहां आते और करोड़ों रूपयों का मप्र में इंवेस्टमेंट करते। मप्र के पर्यटक स्थलों की सुंदरता पूरी दुनिया में फैलती और मप्र में देश-विदेश के लोग आते जिससे टूरिज्म क्षेत्र में क्रांति हो जाती। यहां के कलाकारों को इससे बहुत लाभ होता।
नर्मदा के अवैध खनन पर बना रहे फिल्म- विक्रम मस्ताल ने कहा कि मां नर्मदा पर एक फिल्म बना रहा था। जब मैंने इस फिल्म की शूटिंग के लिए मां नर्मदा की यात्रा की। मैंने देखा जिस तरह से मां नर्मदा का अवैध खनन हो रहा है, ये देखकर दिल बहुत दुखी हुआ। मां नर्मदा की अस्मिता पर कुछ लोग हमला कर रहे हैं, उनका चीरहरण कर रहे हैं। लहुलुहान कर दिया है मां नर्मदा को। मां नर्मदा केवल नदी नही है वो हमारी मां है जीवनदायिनी है। पर कुछ लोग उस जीवन रेखा को मिटाने पर टिके हुए हैं।