भोपाल। कूनो के बाद अब मध्यप्रदेश के गांधी सागर अभ्यारण्य में चीतों का नया आशियाना होगा। गांधी सागर अभ्यारण्य मेंं चीतों को बसाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। चीता प्रोजेक्ट को लेकर दक्षिण अफ्रीका तथा केन्या के दलों ने गांधी सागर अभ्यारण्य का दौरा कर वहां की तैयारियों को देखा। गांधी सागर अभ्यारण्य में चीतों के बसाने के लिए सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। चीतों के भोजन की व्यवस्था के लिए क्षेत्र में चीतलों की संख्या बढ़ाने के लिए कान्हा और अन्य स्थानों से उनके शिफ्ट किया गया है।
गौरतलब है कि कूनो में चीतो की संख्या अधिक होने और लगातार उनकी मौत के बाद लंबे समय से चीतों की गांधी सागर अभ्यारण्य शिफ्ट करने की मांग विशेषज्ञ की ओर से की जा रही है। ऐसे में अब संभावना है कि अब कूनो के साथ गांधी सागर अभ्यारण्य में चीते नजर आएंगे।
मंत्रालय में राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के वन क्षेत्र में रायनो तथा अन्य दुर्लभ व लुप्तप्राय: प्रजातियों के वन्य प्राणियों को लाने की संभावनाओं का अध्ययन कराया जाए। बैठक में बताया गया कि कान्हा और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से संजय टाइगर रिजर्व में 50 गौरों की सफलतापूर्वक पुनर्स्थापना भी की गई है। जंगली जानवरों से जान-माल की रक्षा के लिए पर्याप्त और प्रभावी उपाय किए जाएं, वन्य प्राणियों के लिए हर संभाग में रेस्क्यू सेंटर आरंभ करने के लिए कार्ययोजना बनाई जाए।
बैठक में रातापानी अभ्यारण्य को रातापानी टाइगर रिजर्व घोषित करने के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए है। बैठक में रातापानी अभ्यारण्य के अंतर्गत बमनई जी.पी. से देलावाड़ी तक मार्ग के किनारे-किनारे राइट-ऑफ-वे में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के लिए 0.090 हेक्टेयर वन भूमि भारत संचार निगम, औबेदुल्लागंज को उपयोग पर दिए जाने की वन्यप्राणी अनुमति को अनुमोदन प्रदान किया गया।