कैलाश विजयवर्गीय के MLA पुत्र आकाश को नहीं मिली जमानत, भारी पड़ी 'बल्लेबाजी'

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इंदौर। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे विधायक आकाश विजयवर्गीय को अब जेल की हवा खानी होगी। दअरसल, अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। अब आकाश 7 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे।
 
आकाश को जर्जर मकान तोड़ने गए निगम कर्मचारियों के साथ मारपीट का आरोप है। बुधवार को शहर की एमजी रोड थाना पुलिस ने नगर निगम कर्मियों से मारपीट के मामले में भाजपा के विधायक आकाश विजयवर्गीय को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था, जहां उनकी जमानत खारिज कर दी गई। 
 
पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार विजयवर्गीय को गिरफ्तार करने के बाद प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी गौरव गर्ग की अदालत में पेश किया गया था। इस दौरान विजयवर्गीय के सैकड़ों समर्थकों ने महात्मा गांधी रोड थाने का घेराव करते हुए विधायक को थाने से न्यायालय ले जाने के दौरान जमकर हंगामा किया। इस दौरान कड़े सुरक्षा बंदोबस्त में विजयवर्गीय को अदालत के समक्ष पेश किया गया।
 
सुनवाई के दौरान न्यायालय में अत्यधिक भीड़ होने के चलते न्यायालय के मुख्य द्वारों को सुरक्षा के लिहाज से बंद कर दिया गया है। इसके पहले आज सुबह गंजी कंपाउंड क्षेत्र में एक अतिखतरनाक श्रेणी के मकान को तोड़ने गए नगर निगम कर्मियों के एक दल का विजयवर्गीय से विवाद हो गया था। निगम के भवन निरीक्षक की शिकायत पर विजयवर्गीय को गिरफ्तार किया गया है। 
 
धीरेन्द्र बायस ने दर्ज कराया  था मामला : नगर निगम के भवन निरीक्षक धीरेंद्र बायस (46) ने एमजी रोड पुलिस थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा था कि वह सरकारी दल-बल के साथ खतरनाक रूप से जर्जर मकान को ढहाने पहुंचे तो भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने मौके पर पहुंचकर उन्हें कथित तौर पर धमकाते हुए वहां से चले जाने को कहा।
 
बायस ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि भाजपा विधायक ने नगर निगम के दल से कहा कि वह जर्जर मकान को ढहाने की कार्रवाई नहीं होने देंगे और अगर यह दल 10 मिनट के भीतर मौके से रवाना नहीं हुआ, तो इसे मार-पीटकर भगा दिया जाएगा।

निगम अधिकारी ने कहा कि इस धमकी को अनसुना कर जब दल जर्जर मकान ढहाने की तैयारी कर रहा था, तभी भाजपा विधायक क्रिकेट का बैट लेकर आए और उसे बैट से पीटना शुरू कर दिया। इस दौरान भाजपा विधायक के करीब 100 समर्थक उनके साथ थे।
 
इंदौर की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रुचिवर्धन मिश्रा ने बताया कि विजयवर्गीय और 10 अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 353 (लोक सेवक को भयभीत कर उसे उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए उस पर हमला), 294 (गाली-गलौज), 323 (मारपीट), 506 (धमकाना), 147 (बलवा) और 148 (घातक हथियारों से लैस होकर बलवा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

केरोसिन डालकर की आत्मदाह की कोशिश : आकाश विजयवर्गीय की रिहाई की मांग को लेकर उनके समर्थक गौरव शर्मा ने खुद पर केरोसिन डालकर की आत्मदाह की कोशिश की। पुलिस प्रशासन ने मशक्कत करके इस युवक को पकड़ा।
 
 

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