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भाजपा में और टूट का डर, कांग्रेस पृष्ठभूमि वाले विधायकों से बड़े नेताओं की वन-टू- वन चर्चा

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विकास सिंह

भोपाल , गुरुवार, 25 जुलाई 2019 (14:13 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा के दो विधायकों के पाला बदल कर कांग्रेस के साथ खड़े होने और भविष्य में और विधायकों के टूटने के डर से अब पार्टी में  दिल्ली से लेकर भोपाल तक हलचल तेज हो गई है।
 
सूत्र बताते हैं कि पार्टी के दो विधायकों के पाला बदलने से पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश संगठन से बेहद नाराज है। केंद्रीय नेतृत्व की नाराजगी के बाद बुधवार देर रात अचानक के पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली से भोपाल पहुंचे। इसके बाद पार्टी में लगातार बैठकों का दौर जारी है।
 
गुरुवार सुबह से पार्टी के प्रदेश कार्यालय में संगठन महामंत्री सुहास भगत, भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बीच मैराथन बैठक जारी है। इस बीच पार्टी पूरे मामले को लेकर डैमेज कंट्रोल करने में जुट गई है और अब इसकी कमान खुद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने अपने हाथों में ले ली है।
 
पूरे मामले में डैमेज कंट्रोल में जुटे प्रदेश संगठन के बड़े नेता जहां अब भी दावा कर रहे हैं कि उनकी अब भी दोनों विधायकों से बातचीत जारी है। प्रदेश कार्यालय में चली दो घंटे की बैठक के बाद बाहर निकले नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि अब भी दोनों विधायकों से चर्चा जारी है और पार्टी के सामने कोई संकट नहीं है।
 
संजय पाठक की बड़े नेताओं की मुलाकात - दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं के इस दावे के बाद कि कांग्रेस पृष्ठभूमि वाले कई और भाजपा विधायक उनके संपर्क में है अब पार्टी सतर्क हो गई। ऐसे विधायकों की नाराजगी दूर करने के लिए संघ के निर्देश के बाद पार्टी ने उनसे वन टू वन चर्चा शुरू कर दी है। पार्टी के बुलावे पर कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व मंत्री और विधायक संजय पाठक प्रदेश कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने बंद कमरे में पार्टी के बड़े नेताओं के साथ बातचीत की।
 
पार्टी नेताओं से मिलने के बाद बाहर निकले संजय पाठक ने कहा कि भाजपा उनके परिवार के तरह है और वह पूरी तरह पार्टी के साथ है। वहीं कांग्रेस से किसी तरह ऑफर मिलने के सवाल पर संजय पाठक ने कहा कि संजय पाठक किसी के जाल में फंसने वाला नेता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में हर पार्टी अपने संपर्क में नेताओं के होने की बात कहती है।
 
हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि कांग्रेस से उनका पुराना नाता है और कांग्रेस नेताओं से उनके अच्छे संबंध है। वहीं विधायकों की नाराजगी के सवाल पर संजय पाठक ने कहा कि जब पार्टी सत्ता में ही नहीं है तो नाराजगी को कोई सवाल ही नहीं उठता।

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